सरकार को पारदर्शी बनाने के लिए आरटीआई कानून को प्रभावी हथियार बताते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने इस कानून की समीक्षा की बात कही थी.
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आडवाणी ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी किसी भी कदम का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ समय पहले तक आरटीआई कानून के लिए अपनी पीठ थपथपाती थी और कहती थी कि इससे पारदर्शिता आई है.
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संवाददाताओं को आडवाणी ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी आरटीआई कानून के किसी भी समीक्षा का विरोध करती है क्योंकि मेरा मानना है कि सरकार को पारदर्शक बनाने का यह प्रभावी तरीका है.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उस वक्त टिप्पणी की जब कोई भी इस कानून को लेकर शिकायत नहीं कर रहा था.
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सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस सरकार से ज्यादा भ्रष्ट, लकवाग्रस्त और निष्क्रिय सरकार नहीं देखी थी. आडवाणी ने कहा कि कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान पर अन्ना हजारे के विरोध को वह पसंद करते हैं.
हालांकि भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने यह बात पहले नहीं कही क्योंकि वह नहीं चाहते कि कोई यह अर्थ लगाए कि टीम अन्ना में मतभेद के संकेत से वह खुश हैं.
पार्टीजन पर संवाददाताओं को धन बांटने के लगे आरोपों पर आडवाणी ने कहा, ‘‘जैसे ही मुझे जानकारी दी गई मैंने तत्काल प्रदेश अध्यक्ष से बात की और पूछा कि यह क्या है. भ्रष्टाचार को लेकर मुझसे सवाल किए गए हैं और कार्रवाई की गई है.