विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों के नाम जाहिर नहीं करने के लिए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि केंद्र सरकार उन देशों से भी जानकारी जुटाने को गंभीर नहीं है जो इसे साझा करने को इच्छुक हैं.
अपने आवास पर राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार ने मंगलवार को विस्तृत बयान जारी कर कहा कि वह कुछ भी नहीं छिपाना चाहती है लेकिन इसके साथ ही वह कुछ खुलासा भी नहीं करना चाहती है.’
आडवाणी वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बयान का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर एक अध्ययन समूह का गठन किया जायेगा. उन्होंने पूछा, ‘सरकार उच्चतम न्यायालय को ऐसे खाताधारियों के नाम क्यों नहीं बता रही है.’
आडवाणी ने कहा, ‘जर्मनी ने कहा है कि उसके पास ऐसे खाताधारियों की चार और सूचियां हैं जिसमें कुछ भारतीय नागरिकों के नाम भी हैं लेकिन किसी ने इनके बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया.’ उन्होंने याद किया कि तीन वर्ष पहले उन्होंने विदेशों में पड़े भारतीय नागरिकों के काले धन को वापस लाने का मुद्दा उठाया था और सभी राजनीतिक दलों ने इस विचार का समर्थन किया था.
आडवाणी ने इस बात पर खेद जताया कि इतनी बड़ी धनराशि विदेशों में पड़ी हुई है जिसका जन कल्याण के कार्य में सदुपयोग किया जा सकता है. पूर्व उपप्रधानमंत्री ने कहा कि 2010 के पूर्वार्ध को कीमतों में अत्यधिक वद्धि और उतरार्ध को भ्रष्टाचार के लिए याद किया जायेगा.