भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने विभिन्न मोर्चों पर विरोध झेल रही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की ध्वजवाहक कार्यक्रम मनरेगा की प्रशंसा की है.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से ग्रामीण लोगों का सशक्तिकरण हुआ है और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिली है.
वर्ष 2005 में बनाया गया महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) संप्रग सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है.
आडवाणी ने कहा कि यह काम के बदले नकदी से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी योजना है और इसके अंतर्गत सालाना 100 दिन के रोजगार के प्रावधान से 5.3 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों को अपनी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में ‘सामाजिक विकास’ विषयक तीसरी समिति की सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए आडवाणी ने कहा, ‘इस कार्यक्रम से सामाजिक विषमता को दूर करने, ग्रामीण जनता को सशक्त बनाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण और आर्थिक वृद्धि में जान डालने में मदद मिली है.’ यहां आए भारतीय सांसदों के समूह के साथ आए आडवाणी महासभा के विभिन्न सत्रों में शिरकत करेंगे.
उन्होंने भारत में महिलाओं और कमजोर तबकों के मदद के लिए उठाए जा रहे कदमों का उल्लेख किया. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और विक्लांगों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत समावेशी विकास को हासिल कर रहा है.
आडवाणी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की वजह से भारत प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अब करीब करीब शतप्रतिश बच्चों का स्कूलों में दाखिला होने लगा है. माध्यमिक और उच्च शिक्षा के स्तर पर स्त्री-पुरुष विषमता कम हो रही है.
इसके अलावा स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जीवन प्रत्याशा बढ़ी है, बच्चों के टीकाकरण में सुधार हुआ है, शिशु मृत्युदर और मातृ मृत्युदर में लगातार गिरावट आ रही है.
उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक वृद्धि गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बच्चों के विकास से जुड़े संकेतों में सुधार संबंधित है.
आडवाणी ने कहा कि विकलांगों के सहायता के वास्ते भारत में व्यापक विधिक व्यवस्था है। देश शिक्षा और रोजगार समेत विभिन्न क्षेत्रों में उन्हें बराबर अवसर मुहैया कराने के लिए महौल बना रहा है.
भारत में करीब 10 करोड़ लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है. आडवाणी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ये लोग सेवानिवृत्त होने के बाद अपने कार्यस्थान और समुदाय में योगदान दे सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के सम्मानपूर्ण जीवन को सुनिश्चित करने के लिए भारत ने अनेक उपाय किए हैं.
इसके अंतर्गत देखरेख करने वाले परिवारों को सहायता, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा, वृद्धाश्रमों का निर्माण आदि किया गया है.