भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रस्तावित यात्रा को 'जनचेतना यात्रा' का नाम दिया गया है जो बिहार के सिताब दियारा से 11 अक्टूबर को आरम्भ होगी. यह यात्रा 18 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों से होकर दिल्ली पहुंचेगी जहां 20 नवम्बर को एक बड़ी रैली के साथ इसका समापन होगा.
आडवाणी की यात्रा का विवरण देते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह यात्रा प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की दावेदारी को लेकर नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार से आजिज आ चुकी जनता में सुशासन और स्वच्छ राजनीति के प्रति चेतना जगाना है.
गडकरी ने कहा, ‘यह यात्रा 18 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. इसकी शुरुआत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली बिहार के सिताब दियारा से होगी, जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.’
उन्होंने बताया, ‘सिताब दियारा से यह यात्रा पटना पहुंचेगी, जहां एक बड़ी सभा की जाएगी. इस सभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव भी शामिल होंगे. यह यात्रा 20 नवम्बर को दिल्ली पहुंचेगी, जहां एक बड़ी सभा का आयोजन कर इसका समापन किया जाएगा.’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह यात्रा आडवाणी द्वारा खुद को प्रधानमंत्री पद के दावेदार रूप में स्थापित करने के लिए है, इसके जवाब में गडकरी ने कहा, ‘आडवाणीजी ने पिछले दिनों नागपुर में ही स्पष्ट कर दिया था कि संघ से भाजपा की उनकी अब तक की यात्रा में जो कुछ भी मिला वह प्रधानमंत्री पद से ज्यादा है.’
बाद में स्पष्ट करते हुए गडकरी ने कहा, ‘यह जनचेतना यात्रा है. सुशासन और स्वच्छ राजनीति के प्रति लोगों में जनचेतना लाना इसका प्रमुख उद्देश्य है. प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए यह यात्रा नहीं है. भारतीय राजनीति में आडवाणीजी की छवि एक स्वच्छ राजनेता की रही है और उनका जीवन आदर्श रहा है. मुझे उम्मीद है कि आडवाणीजी की यात्रा का देश भर में अच्छा संदेश जाएगा और लोग उसे अपना समर्थन देंगे.’
गडकरी ने यह भी कहा कि संघ ने कभी भी आडवाणी की यात्रा का विरोध नहीं किया. खुद सर संघचालक मोहन भागवत ने यात्रा को अपना आशीर्वाद दिया है.