अफगानिस्तान में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत राष्ट्रपति हामिद करजई द्वारा बुलाई कबायली नेताओं की पंचायत ‘जिरगा’ पर तालिबान ने बुधवार को रॉकेट दागे और आत्मघाती हमला करके सभा को बाधित करने की नाकाम कोशिश की.
करजई और भारतीय राजदूत जयंत प्रसाद उन लगभग 1500 लोगों में शामिल थे जो इस घटना में सुरक्षित बच गए जिसमें दो हमलावर मारे गए और पांच अफगान सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति करजई ‘जिरगा’ को संबोधित करने के लिए जैसे ही पहुंचे, विशाल तम्बू पर दो रॉकेट आकर गिरे जहां कई वरिष्ठ राजनयिकों समेत प्रतिनिधगण मौजूद थे. लेकिन इसके बावजूद करजई ने अपनी बात जारी रखते हुए कबायली नेताओं से उपाय सुझाने के लिए कहा जिससे देश में युद्ध खत्म हो सके और शांति कायम की जा सके.
करजई जब अपने उद्बोधन का समापन कर रहे थे, उनसे लगभग 200 मीटर दूर दो आत्मघाती बम धमाके हुए जिससे मंच हिल गया. सूत्रों ने बताया कि हमलावरों ने जिरगा तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन जब उन्हें रोका गया, उन्होंने खुद को धमाके से उड़ा दिया. उन्होंने बताया कि हमले में राष्ट्रपति का एक प्रहरी, अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा महानिदेशालय के दो जवान और सेना के दो जवान घायल हो गए. सूत्रों ने बताया कि तालिबान के दो आतंकवादी पास के एक घर में जा छुपे. {mospagebreak}
सुरक्षाबलों ने इनमें से एक को गंभीर रूप से घायल कर दिया जबकि दूसरे को धर दबोचा. संकट की आशंका के मद्देनजर जिरगा की सुरक्षा के लिए लगभग 12,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था. तालिबान जिरगा को पहले ही यह कहकर खारिज कर चुका है कि यह महज दुष्प्रचार है. तालिबान का कहना है कि अमेरिकी नेतृत्व वाल सैन्यबल जब तक अफगानिस्तान से नहीं जाता, तब तक कोई शांति वार्ता नहीं हो सकती.
करजई ने जिरगा प्रतिनिधियों से यह सलाह देने की अपील की कि किस तरह देश में जारी हिंसा को खत्म किया जाए और किस तरह तालिबान को नि:शस्त्र किया जाए. उन्होंने कहा, ‘देश आपकी और आपकी सलाह की ओर देख रहा है, ताकि उसे शांति का रास्ता मिल सके और अफगानिस्तान को इस पीड़ा तथा दुख से बचाया जा सके.’
कबायली वेशभूषा और पगड़ी पहने सैकड़ों लोग अलग अलग पंक्तियों में बैठे थे. नीले कालीन वाले मंच के उपर करजई की एक तस्वीर लगी हुई थी. मंच पर दारी और पश्तो भाषा में ‘राष्ट्रीय परामर्श शांति जिरगा’ लिखा हुआ था. जिरगा में अनेक महिला प्रतिनिधि भी आईं थीं जिनमें से अधिकतर एक अलग पंक्ति में बैठी थीं.