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जगन आंध्र प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जनाधार मजबूत करेंगे

कड़प्पा में कांग्रेस को शिकस्त देने वाले वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अब आंध्र प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जनाधार मजबूत कर सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर देने की योजना है.

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कड़प्पा में कांग्रेस को शिकस्त देने वाले वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अब आंध्र प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जनाधार मजबूत कर सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर देने की योजना है.

ऐसा प्रतीत होता है कि जगन यह जान गये हैं कि सिर्फ कड़प्पा लोकसभा सीट पर उनकी जबर्दस्त जीत राज्य की एन किरण कुमार रेड्डी नीत कांग्रेस सरकार के समक्ष कोई खतरा खड़ा करने के लिये पर्याप्त नहीं होगी. जगन से करीब से जुड़े सूत्रों ने कहा कि आंध्र प्रदेश में शहरी निकाय और पंचायत के आगामी चुनाव नेता के लिये अपनी क्षमता को परखने की तरह होंगे.

यह भी प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपने आक्रामक बयानों के बावजूद जगन यह जान गये हैं कि उनके दल की ताकत अभी इतनी नहीं बढ़ पायी है कि वह राज्य सरकार के समक्ष तुरंत या निकट भविष्य में कोई खतरा खड़ा कर पायें.

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जगन को आंध्र प्रदेश की 294 सदस्यीय विधानसभा के महज 15 सदस्यों का खुला समर्थन प्राप्त है. यह संख्या सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिये काफी कम है. दिलचस्प रूप से, किसानों के मुद्दे पर जगन द्वारा गुंटुर में बीते 48 घंटे की भूख हड़ताल के दौरान सिर्फ आठ विधायक ही उनके समर्थन में पहुंचे.

जगन ने कड़प्पा लोकसभा सीट पर हुआ उपचुनाव रिकॉर्ड 5.45 लाख वोटों के अंतर से जीता है. उन्होंने पहले कहा था कि आंध्र प्रदेश की किरण कुमार रेड्डी सरकार छह महीने के भीतर गिर जायेगी.

बहरहाल, बाद में जगन ने अपने सुर बदलते हुए कहा कि हो सकता है कि सरकार को अस्थिर करना संभव नहीं हो क्योंकि मुख्य विपक्षी दल तेलेगु देशम पार्टी सत्तारूढ़ कांग्रेस की ‘सहयोगी पार्टी’ की तरह बन गयी है. जगन पूर्व में अक्सर कहते थे कि वह मौका मिलने पर सरकार को सत्ता से बाहर कर देंगे लेकिन अब उन्होंने रुख बदलते हुए कांग्रेस को चुनाव निरस्त कर नया जनादेश हासिल करने की चुनौती दी है.

परिवहन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने जगन को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘पहले वह उनका समर्थन करने वाले विधायकों की वास्तविक संख्या बतायें और फिर चुनाव निरस्त करने या कुछ और करने की बात करें.’ तेदेपा भी जगन से हाथ मिलाने और कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये फिलहाल तैयार नहीं है.

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तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘हमारे पास अपनी विचारधारा और रणनीति है. हम किसी और की इच्छा के अनुरूप कदम नहीं उठायेंगे.’ तेदेपा पोलित ब्यूरो के सदस्य यनमाला रामकृष्णनुडू ने कहा, ‘अगर जगन को अपनी ताकत पर इतना भरोसा है तो वह उन्हें समर्थन दे रहे विधायकों से इस्तीफा देने और फिर जनादेश हासिल करने को क्यों नहीं कहते. ऐसा करने से चीजें स्पष्ट हो जायेंगी.’

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