संसद हमला मामले में दोषी करार दिये गये अफजल गुरु के बारे में गृह मंत्रालय ने अभी तक राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
गृह मंत्रालय में लंबित पड़ी दया याचिकाओं की संख्या के बारे में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया कि अभी कुल 31 मामले हैं जिनमें से पिछले 30 माह के दौरान 19 मामलों को फिर से भेजा गया और 11 पर निर्णय ले लिया गया.
उन्होंने कहा, ‘ढाई साल के मेरे कार्यकाल में हमने 19 मामलों को दुबारा भेजा और इनमें से 11 में निर्णय लिया जा चुका है. मैं बाकी के आठ पर निर्णय लिये जाने की उम्मीद कर रहा हूं.’ चिदंबरम ने कहा, ‘इसलिये रिकार्ड अपने आप में बताने वाला है.
अफजल गुरु के मामले को फिर से भेजे जाने की आवश्यकता नहीं होगी. इसे केवल एक बार भेजा जाना है. इसे जल्द से जल्द भेज दिया जायेगा जिसमें बहुत देरी नहीं है.’ गुरु को दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुये हमले के षडयंत्र का दोषी पाया गया है और उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2004 में उसे मौत की सजा सुनायी है.
गुरु को इसके अनुसार 20 अक्तूबर 2006 को फांसी की सजा दी जानी थी लेकिन उसकी पत्नी के राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर किये जाने के बाद उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकी है. उन्होंने कहा कि 1998 से 2004 के बीच राष्ट्रपति को 14 मामले भेजे गये लेकिन किसी भी मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया. चिदंबरम ने कहा कि 22 मई 2004 से 13 नवंबर 2008 के बीच 14 मामलों को भेजा गया और 14 नये मामले भी भेजे गये.