थल सेनाध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह की जन्मतिथि से संबंधित विवाद को लेकर सरकार ने दोहराया कि वह अपने आदेश पर कायम है और इस मसले को प्रशासनिक स्तर के बदले न्यायालय में निपटाने को वरीयता देगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह अपने जुलाई 2011 के निर्देश पर कायम है जिसमें सिंह की जन्मतिथि 10 मई 1951 की जगह 10 मई 1950 मानने की बात कही गई थी.
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस मोड़ पर आने के बाद हम मामले को प्रशासनिक स्तर के बजाय न्यायालय में निपटाना चाहेंगे. इस बीच एजुटेंट जनरल शाखा को पिछले वर्ष जुलाई में भेजे गए निर्देश को ही दोहराया है जिसमें रक्षा मंत्रालय ने जन्मतिथि 1951 किए जाने को खारिज कर दिया था.'
मंत्रालय ने इसके साथ उन अफवाहों पर विराम लगा दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि सेना के एडजुटेंट जनरल को कहा गया है कि वह सेना प्रमुख की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई से पहले उनके जन्म वर्ष के रिकार्ड में संशोधन कर दें.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में रविवार को कहा गया था कि रक्षा मंत्रालय ने एडजुटेंट जनरल शाखा को पिछले सप्ताह इस निर्देश के साथ पत्र लिखा था कि जनरल सिंह की जन्मतिथि 10 मई, 1951 को संशोधित कर 10 मई, 1950 कर दिया जाए.
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा, 'हमने पिछले वर्ष जुलाई में उस समय एडजुटेंट जनरल को इस तरह का एक निर्देश दिया था, जब मंत्रालय ने जन्म वर्ष 1951 मानने सम्बंधी सेना प्रमुख के अनुरोध को खारिज कर दिया था. लेकिन तब से अब तक बात काफी आगे बढ़ चुकी है. अनुरोध खारिज किए जाने के खिलाफ सेना प्रमुख द्वारा अगस्त 2011 में वैधानिक शिकायत दर्ज कराई गई, मंत्रालय ने उनकी शिकायत दिसम्बर 2011 में खारिज कर दी, और अब उन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की है.'
ज्ञात हो कि एक अभूतपूर्व कदम के तहत जनरल सिंह ने, मंत्रालय द्वारा अपनी वैधानिक शिकायत 30 दिसम्बर, 2011 को खारिज किए जाने के खिलाफ, सप्ताह भर पहले सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दी थी. इस मामले पर इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.
सिंह ने चूंकि अपना जन्म वर्ष 1951 मानने का आग्रह किया है, लिहाजा इसके अनुसार उनका कार्यकाल मार्च 2013 तक यानी 10 महीने बढ़ जाता है.