पायलटों की हड़ताल के चलते हवाई यात्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली हो, मुंबई हो या फ़िर कोलकाता एयरइंडिया के मुसाफ़िरों का हाल बेहाल है. लगातार जारी हड़ताल के दूसरे दिन करीब 60 उड़ानें रद्द हुई जबकि कुछ उड़ानों में घंटों की देरी हुई.
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दिल्ली उच्च न्यायालय के काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद पायलट अपने रूख पर कायम हैं.
दिल्ली में 33 घरेलू उड़ानें और काठमांडो, काबुल और दुबई की पांच अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं। इसी प्रकार, मुंबई में पायलटों की कमी के कारण दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों समेत 19 उड़ानें रद्द हुईं.
एयर इंडिया उन्हीं उड़ानों का परिचालन कर रही है जहां पायलट एवं चालक दल के सदस्य पर्याप्त संख्या में हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, ‘कुछ उड़ानें रद्द हुई हैं क्योंकि आपात योजना के तहत हमने उन्हीं उड़ानों के परिचालन का निर्णय किया है जहां पायलट और चालक दल के सदस्य पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं.’ संकट से निपटने के लिये एयर इंडिया ने 150 प्रबंधन या कार्यकारी पायलटों की सेवा लेने का निर्णय किया है.
पायलटों की हड़ताल के कारण बुधवार को एयर इंडिया की कम से कम 40 उड़ानें रद्द हुईं थी. इससे हजारों यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.
इंडियन एयरलाइंस के 800 पायलट मंगलवार की मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (सीएसीपी) से संबद्ध ये पायलट एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को हटाने तथा कथित कुप्रबंधन की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग कर रहे हैं.
हड़ताली पायलटों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए एयर इंडिया प्रबंधन ने आईसीपीए के अध्यक्ष ए एस भिंडर और महासचिव ऋषभ कपूर समेत छह नेताओं को बर्खांस्त कर दिया है. साथ ही उनके दफ्तरों को सील कर दिया गया है.
इधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने पायलटों से जनहित में हड़ताल समाप्त करने को कहा है. आईसीपीए नेताओं ने कहा है कि वे कानूनी सलाह लेने के बाद उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं.