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नक्‍सलियों के खिलाफ हवाई हमले की नीति पर विचार संभव: चिदंबरम

गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों पर मंगलवार को हुए बर्बर नक्सली हमले को लेकर भावावेश में कोई प्रतिक्रिया नहीं करने की वकालत करते हुए बुधवार को कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार नक्सलवादियों के खिलाफ अभियान में वायुसेना का इस्तेमाल नहीं करने के निर्णय पर ‘पुनर्विचार’ कर सकती है.

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गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों पर मंगलवार को हुए बर्बर नक्सली हमले को लेकर भावावेश में कोई प्रतिक्रिया नहीं करने की वकालत करते हुए बुधवार को कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार नक्सलवादियों के खिलाफ अभियान में वायुसेना का इस्तेमाल नहीं करने के निर्णय पर ‘पुनर्विचार’ कर सकती है.

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चिदम्बरम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार पर ‘युद्ध’ थोपा गया है. उन्होंने कहा कि माओवादियों के विकराल खतरे से भारत को मुक्त कराने और लोकतंत्र की रक्षा के लिये हमें ‘इस वक्त शांत होकर खुद पर काबू पाना होगा.’ छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलवादियों के नृशंस हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ तथा पुलिस के कुल 76 जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे गृहमंत्री ने नक्सलवादियों के खिलाफ जंग में सेना के इस्तेमाल के प्रस्ताव से पहले इनकार किया.

उन्होंने कहा ‘सेना के इस्तेमाल का कोई प्रस्ताव नहीं है. हमारा मानना है कि केन्द्रीय अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस अपने दम पर नक्सली खतरे से निपटने में सक्षम हैं. खतरे को लेकर यह हमारा मौजूदा आकलन है.’ बहरहाल, एक अन्य प्रश्न पर चिदम्बरम ने कहा ‘नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में वायुसेना या किसी विमान के इस्तेमाल का फिलहाल कोई इरादा नहीं है, लेकिन जरूरी होने पर हम रणनीति में बदलाव के लिये अपने इरादे पर फिर से विचार कर सकते हैं.’

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इस मौके पर चिदम्बरम के साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे. चिदम्बरम ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकना माओवादियों का उद्देश्य है और ‘हम उन्हें अपने मकसद में कामयाब नहीं होने देंगे’.

उन्होंने कहा ‘जनता की सुरक्षा करना और नक्सलवादियों के कब्जे वाले इलाके को फिर से नियंत्रण में लेना सरकार की जिम्मेदारी है.’ गृहमंत्री ने कहा कि अगर यह युद्ध है तो इसे सरकार पर थोपा गया है. जनता और समूचे देश की रक्षा के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें अपने कानूनी और संवैधानिक कर्तव्य निभा रही हैं.

माओवादियों के सुरक्षाकर्मियों पर किये गए भीषणतम हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों का मंगलवार का अभियान खुफिया सूचना पर आधारित नहीं था बल्कि वह जवानों को इलाके से परिचित कराने के लिये शुरू किया गया था. चिदम्बरम ने कहा ‘जैसा कि मैंने मंगलवार को कहा था कि कहीं कुछ गलती हुई है. सिर्फ जांच में ही पता लग सकेगा कि कहां पर चूक हुई.’ साथ ही जांच में यह भी पता लग जाएगा कि हमले में 1000 नक्सलवादी शामिल थे या नहीं.

उन्होंने नक्सलवादियों के खिलाफ जारी अभियान का नाम ‘ऑपरेशन ग्रीनहंट’ होने से इनकार किया और कहा कि किसी मुहिम में शामिल रहे एक अधिकारी ने यह नाम दिया है. गृहमंत्री ने यह भी कहा कि नक्सलविरोधी अभियान को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच अच्छा तालमेल है.

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उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में अभियान चलाने का फैसला छत्तीसगढ़ की बस्तर रेंज के महानिरीक्षक तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक और सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है. इस मुहिम का संचालन दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक करेंगे.

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