उच्च गति वाले हवाईअड्डा मेट्रो मार्ग से सफर करने वाले यात्रियों को बहुस्तरीय सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ेगा और इस पूरे कोरिडोर पर सीसीटीवी कैमरे की पैनी नजर रहेगी.
22 किलोमीटर लंबा यह कोरिडोर राजधानी के कनाट प्लेस को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जोडेगा. इस मेट्रो लाइन के अगले 15 दिन में शुरू होने की संभावना है. इस कारिडोर में छह स्टेशन होंगे जिसमें नयी दिल्ली, शिवाजी स्टेडियम, धौलाकुंआ, दिल्ली एयरोसिटी, आईजीआई एयरपोर्ट और द्वारका सेक्टर 21 शामिल है.
इस कोरिडोर के संचालककर्ता समूह रिलायंस ने किसी खतरे को टालने के लिए बैग स्कैनर और विस्फोटक डिटेक्टर भी लगाये हैं. पहली बार इस कोरिडोर की सुरक्षा सीआईएसएफ की बजाय दो निजी सुरक्षा एजेंसियां करेंगी.
कोरिडोर की संचालकर्ता दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के एक सूत्र ने कहा, ‘कोरिडोर के किसी भी छह स्टेशनों में एक बार प्रवेश करने पर यात्रियों को कई स्तर की सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ेगा. इसके अलावा सभी यात्रियों की तलाशी ली जाएगी.’
सूत्रों ने इस कोरिडोर की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘हवाईअड्डा के सभी टर्मिलनों पर विस्फोटक डिटेक्टर, बड़े एक्सरे स्कैनर, वाहन स्कैनर, हाथ में पकड़ने वाले मेटल डिटेक्टर और दरवाजे पर मेटल डिटेक्टर लगाये जायेंगे.’
सूत्रों ने कहा, ‘स्टेशनों के 95 प्रतिशत हिस्से पर सीसीटीवी कैमरों से पैनी नजर रखी जाएगी. स्टेशन परिसर में ट्रेनों की आवाजाही और सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरों और रेडियो सर्विलांस से नजर रखी जाएगी.’ उन्होंने कहा कि इस कोरिडोर में मेट्रो ट्रेनें 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौडेंगी. हालांकि इस कोरिडोर की गत सितम्बर में सुरक्षा परिक्षण असफल रहा था. इस कोरिडोर पर सेवा शुरू करने के लिए मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है.