राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर चला जाट आंदोलन मायावती सरकार की तरफ से प्रायोजित था.
सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ’जाट आंदोलन को मायावती सरकार ने प्रायोजित किया, उन्हें उकसाया और भड़काया.’ उन्होंने कहा कि जाट समुदाय की आरक्षण की मांग तो जायज है. मगर अपनी मांग पर बल देने के लिए अपनाया गया आंदोलन का तरीका गलत था.
रालोद अध्यक्ष ने कहा, ‘लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. चक्का जाम आंदोलन एक दिन के लिए किया जाता है ताकि संदेश आमजन और सरकार तक पहुंच जाये. मगर किसी को भी यह अधिकार नही है कि वह आम जनता के लिए समस्यायें खड़ी कर दे और सामान्य जनजीवन बाधित करे.’’ उन्होंने कहा कि जाट समुदाय को छह राज्यों में आरक्षण की सुविधा प्राप्त है और उसी तरह केन्द्रीय सेवाओं में भी आरक्षण की उनकी मांग जायज है.
सिंह ने कहा, ’मगर जिस तरीके से जाट समुदाय ने एक रेलवे जंक्शन से होकर यातायात ही ठप्प कर दिया, वह तरीका गलत था.’ उन्होंने कहा कि जब जाट आंदोलन शुरु हुआ, उसी दिन बसपा सरकार के विरोध में समाजवादी पार्टी का आंदोलन शुरु हुआ था.{mospagebreak}
सिंह ने कहा, ’हमने देखा कि समाजवादी पार्टी के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का कहर किस तरह टूटा. मगर जाटो को सरकार का संरक्षण प्राप्त था और उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई.’
सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जैसे ही हस्तक्षेप किया और रेल मार्ग खाली कराने का आदेश जारी किया. कुछ घंटो में ही आंदोलन समाप्त हो गया और वह भी बिना किसी लाठीचार्ज के. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से आंदोलन चला और समाप्त हुआ, उससे साफ है कि यह मायावती सरकार का प्रायोजित आंदोलन था. सिंह ने केन्द्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया और उस पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
उन्होंने बताया, ‘केन्द्र सरकार ने पांच लाख टन चीनी के निर्यात की घोषणा की है. मगर यह घोषणा तब की गयी, जबकि पेराई सत्र समाप्त होने वाला है और गन्ने की मात्र पांच प्रतिशत फसल ही खेतों में बची है. ऐसी हालत में इस निर्यात से किसानों को कोई लाभ होने वाला नहीं है. यही घोषणा यदि पहले हो जाती तो किसानों को चीनी मिलों से कुछ बढ़ी हुई कीमत मिल सकती थी.’
रालोद मुखिया ने कहा, ‘इसी तरह गेहूं के समर्थन मूल्य में केवल 20 रुपये की बढोत्तरी की गयी है. इस वर्ष गेहूं का जोरदार उत्पादन होने वाला है और यदि निर्यात नही किया गया तो यह सड़ जायेगा और इसका भी नुकसान अंतत: किसानों उठाना होगा.’ उन्होंने किसानो के लिए ‘आमदनी गारण्टी’ योजना शुरु किये जाने की मांग की और कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कृषि उत्पादन घटेगा.{mospagebreak}
भ्रष्टाचार के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह केवल कांग्रेस भर से जुड़ा सवाल नहीं है बल्कि पूरी व्यवस्था में उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार फैल चुका है. सिंह ने कहा, ‘सीबीआई, सीआईडी और अन्य सभी एजेंसियां भ्रष्टाचारियों को सजा दिला पाने में नाकामयाब साबित हुई हैं. केवल कानून बना देने से कुछ नहीं होगा जब तक कि भ्रष्टाचारियों को सख्त सजा न दिलायी जाये.’ उन्होंने कहा कि जिस तरीके से घोटाले सामने आ रहे है, उससे सभ्य समाज विरोध स्वरूप लामबंद हो रहा है.
विकिलीक्स खुलासों के बारे में उन्होंने कहा कि किसी राजनयिक की बात को अंतिम सत्य नहीं मान लेना चाहिए और ऐसे में निजी वार्तालापों में बहुत तरह की बातें होती है.
सिंह ने 29 मार्च से पार्टी की तरफ से पूर्वाचल जागरण यात्रा शुरु किये जाने की घोषणा करते हुए बताया कि यह यात्रा कौशांबी से शुरु होगी और एक महीने तक चलने के बाद गोरखपुर में समाप्त होगी.
इस मौके पर कई सपा और बसपा नेताओं ने रालोद में शामिल होने की घोषणा की है, जिनमें पूर्व मंत्री किरन पाल सिंह शामिल है.