मुंबई हमले के दोषी कसाब ने माफी की गुहार लगाई है. कसाब ने मुंबई के आर्थर रोड जेल के जेलर के पास इसकी अर्जी दी है और जेलर ने प्रक्रिया के तहत कसाब की याचिका आगे बढ़ा दी है.
कड़ी सुरक्षा वाले आर्थर रोड जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने कसाब की ओर से एक दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी है.’ बहरहाल, जेल अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कसाब ने दया याचिका कब दायर की.
पिछले हफ्ते कसाब को उच्चतम न्यायालय की ओर से उसे सुनायी गयी मौत की सजा संबंधी फैसले की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी गयी थी.
जेल के एक अधिकारी ने बताया, ‘कसाब को तीन दिन पहले उस फैसले की प्रमाणित प्रति दी गयी थी जिसमें उसे मौत की सजा सुनायी गयी थी. एक प्रति उसे दी गयी जबकि दूसरी उच्चतम न्यायालय को भेजी गयी जिस पर कसाब के दस्तखत थे.’
यह सवाल किए जाने पर कि क्या जेल के एक ‘अंडा सेल’ (अंडे के आकार का सेल) में कैद कसाब को उसके सामने मौजूद विकल्पों के बारे में बताया गया था, इस पर अधिकारी ने कहा कि कसाब को सारी प्रक्रियाओं और एक दोषी होने के नाते उसके अधिकारों के बारे में बताया गया था जिसमें दया याचिका की जानकारी भी शामिल थी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की अपील को ठुकराते हुए उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी थी. कसाब ने इस आतंकी हमले में उसे मौत की सजा दिये जाने के विशेष अदालत के निर्णय को चुनौती दे थी.
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था, 'हमारे पास कसाब की मौत की सजा को बरकरार रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना कसाब द्वारा किया गया सबसे बड़ा अपराध है.'
कसाब नौ अन्य पाकिस्तानी आतंकियों के साथ 26 नवंबर, 2008 को कराची से समुद्र के रास्ते दक्षिण मुंबई पहुंचा था. इसके बाद इन आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न स्थानों पर अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें 166 व्यक्ति मारे गए. इस आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में नौ पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे जबकि कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था.