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अखिलेश के भरोसे लोकसभा चुनाव में उतरेगी SP

विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में उतरने का ऐलान करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) अपने युवा नेता की साफ सुथरी छवि और करिश्मे से फिर से विधानसभा चुनाव जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में उतरने का ऐलान करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) अपने युवा नेता की साफ सुथरी छवि और करिश्मे से फिर से विधानसभा चुनाव जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है. हाल में कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सपा ने ये फैसला किया कि पार्टी उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी.

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आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की चाहत रखने वाली सपा को पता है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कमजोर होने की स्थिति में उसकी तूती तभी बोलेगी जब उसके ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार जीतकर संसद पहुंचेंगे. सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सपा अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहती है. पार्टी ने कार्यकर्ताओं और नेताओं के सामने 50 सीटों का लक्ष्य भी रख दिया है.

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अगर हम लोगों को उत्तर प्रदेश में 45 सीटें मिल गई तो हमारी पार्टी न सिर्फ केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेगी बल्कि हमारे नेता मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री बनने के सपने को भी पंख लगने की संभावना प्रबल हो जाएगी.' आगामी लोकसभा चुनाव में हालिया विधानसभा जैसा प्रदर्शन दोहराने की मंशा के तहत सपा के शीर्ष नेतृत्व ने अखिलेश यादव की अगुवाई में मिशन 2014 में उतरने का निर्णय लिया है. पार्टी को उम्मीद है कि अखिलेश की बेदाग छवि और मुख्यमंत्री के तौर पर उनके सरल व्यवहार का फायदा लोकसभा चुनाव में भी मिल सकता है. अखिलेश की अगुवाई में विधासनभा चुनाव में उतरने वाली सपा ने 224 सीटें जीतकर इतिहास बनाया. नब्बे के दशक में सपा के गठन के बाद उसे ऐसी जोरदार सफलता कभी नहीं मिली थी.

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विधानसभा चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में लेने वाले अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दो महीने से ज्यादा समय तक करीब चार हजार किलोमीटर से ज्यादा क्रांति रथ चलाया. सपा को मिली इस अप्रत्याशित जीत का श्रेय चुनाव अभियान की अगुवाई वाली करने वाले अखिलेश को दिया गया. ऐसा माना जाता है कि अखिलेश की साफ सुथरी छवि और नई सोच के कारण सपा को लगभग हर वर्ग का समर्थन मिला. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'हमारे युवा नेता (अखिलेश) की लोकप्रियता केवल सिर्फ युवाओं में नहीं बल्कि हर वर्ग के लोगों में है. हालिया विधानसभा चुनाव में ये बात साबित हो गई है. उनमें कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ गजब की दूरदर्शिता है. हमें उम्मीद है कि सपा उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाएगी.'

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