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एक्सप्रेस-वे को लखनऊ तक बढाने की जरूरत: अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा-आगरा प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे को लखनऊ तक बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे सम्बन्धित क्षेत्र के किसानों एवं जनता को भी लाभ मिल सकेगा.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा-आगरा प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे को लखनऊ तक बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे सम्बन्धित क्षेत्र के किसानों एवं जनता को भी लाभ मिल सकेगा.

मुख्यमंत्री ने यहां शस्त्री भवन स्थित अपने सभाकक्ष में आगरा-लखनउ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना पर आधारित प्रस्तुतिकरण देखने के बाद कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की खुशहाली के लिए उच्चस्तरीय गुणवत्ता एवं सुविधाओं से युक्त सडकों के निर्माण के पक्ष में है और नोएडा-आगरा प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे को लखनउ तक बढ़ाया जाना चाहिये.

उन्होंने आगरा से लखनउ तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे में पर्याप्त अंडर-वे तथा कैटल-वे की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि दोनों तरफ सर्विस लेन का भी निर्माण कराया जाना चाहिए.

अखिलेश ने कहा कि आगरा-लखनउ एक्सप्रेस-वे जिन इलाकों से होकर गुजरेगा वहां मंडियों के विकास के अलावा किसानों की उपज को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा. इसी के साथ जल्दी खराब होने वाली सब्जियों एवं मौसमी फलों को भी शीघ्रता से नगरीय क्षेत्रों में पहुंचाने की सुविधा किसानों को मिल जायेगी.

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उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से फिरोजाबाद में ग्लास सिटी की स्थापना भी की जा सकती है. इस परियोजना के पूर्ण होने पर दिल्ली से लखनउ तक की दूरी और यात्रा समय में काफी कमी आ जायेगी.

इसके पूर्व, मुख्यमंत्री के समक्ष आगरा-लखनउ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड परियोजना पर आधारित प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि सड़क मार्ग से आगरा-लखनउ की दूरी 350 किलोमीटर है.

इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने यह दूरी घटकर लगभग 274 किलोमीटर रह जायेगी. इस प्रकार आगरा-लखनउ तक की यात्रा मात्र तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी. प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि छह लेन के प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे का विस्तार 8 लेन तक किया जा सकेगा. एक्सप्रेस-वे के निर्माण में उपजाउ भूमि का कम से कम अधिग्रहण किया जायेगा, क्योंकि इसका अधिकांश भाग नहर की पटरियों के करीब सिंचाई विभाग तथा अन्य सरकारी जमीनों में पड रहा है.

बाढ से बचाने के लिए एक्सप्रेव-वे को भूमि सतह से काफी ऊंचा रखने तथा दोनों तरफ 10 मीटर से अधिक ग्रीन फील्ड पट्टी तैयार की जायेगी. इस परियोजना की लागत लगभग 9500 करोड रूपये आंकी गयी है. मूर्तरूप लेने पर यह एक्सप्रेस-वे फिरोजाबाद शिकोहाबाद इटावा मैनपुरी कन्नौज तथा मलिहाबाद के काफी करीब से गुजरेगा.

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