अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अफ्रीका के सर्वाधिक वांछित व्यक्ति फजल अब्दुल्ला मोहम्मद का सोमालिया में मारा जाना महज एक आतंकवादी का अंत है और पूर्वी अफ्रीका में अल कायदा के अभियानों के लिए ‘बड़ा झटका’ है.
केन्याई और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 38 वर्षीय मोहम्मद मोगादिशू में सोमाली चौकी पर मारा गया.
केन्या और कोमोरोस का नागरिक मोहम्मद 1998 में केन्या और तंजानिया के दूतावासों पर 1998 में हुई बम विस्फोट की घटनाओं में कथित तौर पर भूमिका के लिए सोमालिया में लंबे समय से वांछित था.
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि मोहम्मद का मारा जाना ‘अलकायदा, उसके सहयोगी आतंकवादी संगठनों और पूर्वी अफ्रीका में उसके अभियानों के लिए बड़ा झटका है.’
उन्होंने कहा, ‘यह एक आतंकवादी का अंत है जिसने नैरोबी, दारेस्लाम और अन्य जगहों पर अनेक निर्दोष लोगों को मारा और दर्द पहुंचाया. इन लोगों में तंजानियाई, केन्याई, सोमालियाई और क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ-साथ हमारे दूतावासकर्मी भी शामिल हैं.’
अमेरिकी अधिकारियों का यह भी मानना है कि मोहम्मद साल 2002 में एक इस्राइली नागरिक के स्वामित्व वाले होटल और केन्या में एक एयरलाइनर पर भी हमले में शामिल था. उसकी गिरफ्तारी या दोषसिद्धि के संबंध में सूचना देने के लिए 50 लाख डालर के इनाम की घोषणा की गई थी.
मोहम्मद को सोमालिया की संक्रमणकालीन सरकार के बलों ने एक चौकी पर रुकने को कहा लेकिन वह वहां नहीं रुका. बाध्य होकर सैनिकों ने उसे गोली मार दी.
मोहम्मद का मारा जाना अलकायदा और उसके सहयोगी संगठनों के लिए एक और झटका है क्योंकि वह पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में गत दो मई को अमेरिकी अभियान में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन और पाकिस्तान के अशांत दक्षिणी वजीरिस्तान कबायली क्षेत्र में गत तीन जून को अमेरिकी ड्रोन हमले में इलियास कश्मीरी के मारे जाने के महज एक महीने से कुछ अधिक समय बाद मारा गया है.
सोमालिया के सूचना मंत्री अब्दुर्ररहमान उमर उस्मान ने इस बात की पुष्टि की कि गोलीबारी में मारे गए लोगों में से एक व्यक्ति मोहम्मद है. उन्होंने इस अपने देश के सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता बताई.
सोमाली सरकार के सूत्रों के अनुसार मोहम्मद के साथ यात्रा कर रही एक महिला को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उस महिला ने अधिकारियों को बताया कि दोनों लोगों ने सोचा कि वह सरकारी चौकी के बजाय अल-शहाब चौकी को पार कर रहा है.
सूत्रों ने बताया कि दोनों लोगों के पास आधुनिक हथियार थे और उनके पास से 40 हजार डालर नकद बरामद किए गए.
सूत्रों ने बताया कि शवों को बाद में डीएनए परीक्षण के लिए अमेरिकी अधिकारियों को सौंप दिया गया. अमेरिकी अधिकारी मोहम्मद को पूर्वी अफ्रीका में अलकायदा का एक वरिष्ठ आतंकवादी मानते थे. उनका आरोप है कि दूतावास पर हमले का षड्यंत्रकारी वही था. उस हमले में 225 लोग मारे गए थे.
इससे पहले, मोहम्मद पकड़े जाने से कई बार बच चुका था. वह 2008 में केन्या के तटीय शहर मालिंदी में पुलिस कार्रवाई में बच गया था. साल 2007 की शुरूआत में भी वह सोमालिया में अमेरिकी हवाई हमले में बच गया था.
साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अलकायदा के 25 संदिग्धों की सूची में संशोधन किया. उस सूची में मोहम्मद भी शामिल किया गया.
एफबीआई का कहना है कि मोहम्मद का जन्म कोमोरोस द्वीप में हुआ था. कोमोरोस द्वीप मोजांबिक के पूर्व में है.