दहशतगर्दी के जिस चेहरे ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को ख़ौफ़ज़दा कर रखा था, आख़िरकार उस सबसे बड़े आतंकी का ख़ात्मा हो गया. आतंकी संगठन अलक़ायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सेना ने मार गिराया. ख़ुद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक़ ओबामा ने लादेन के मारे जाने का ऐलान किया.
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ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में छुपा हुआ था. एबटाबाद राजधानी इस्लामाबाद से करीब 61 किलोमीटर की दूरी पर है. यहीं तीन मंज़िला एक इमारत में लादेन ने अपना ठिकाना बना रखा था. लादेन के साथ उसके परिवार के कुछ सदस्य भी यहां रह रहे थे.
इमारत में आधुनिक हथियारों के ज़ख़ीरे के साथ सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम थे. भारी भरकम इस इमारत की चहारदीवारी 18 फ़ीट ऊंची है. ये इमारत इलाके की दूसरी इमारतों के मुक़ाबले क़रीब 8 गुना बड़ी थी.
ओसामा बिन लादेन जितना ख़तरनाक था, उतना ही ख़तरनाक हुआ उसका अंत. अमेरिका की टीम ने एबटाबाद में उस इमारत पर हमला बोला और लादेन को पकड़कर उसके सिर में गोली मार दी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे ऐतिहासिक दिन क़रार दिया है.
ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की ख़बर के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को हाई अलर्ट कर दिया है. अमेरिका ने कहा है कि जहां कहीं भी अमेरिकी नागरिक हों, वे बेहद सावधान और सतर्क रहें, क्योंकि लादेन की मौत से तिलमिलाई आतंकवादी ताक़तें, अमेरिकियों पर हमले कर सकती हैं.
अमेरिका का मिशन ओसामा खत्म अब खत्म हो चुका है. 9/11 (वीडियो देखें) को हुए हमले के बाद अमेरिका ने ओसामा को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का एलान किया था. तब से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान और पाकिस्तान में उसके संभावित ठिकानों पर धावा बोल रही थी. कई बार ओसामा के मिलने या मारे जाने की खबरें आईं. हर बार खबर गलत निकली, लेकिन सोमवार सुबह अमेरिका का हाथ अपने दुश्मन नंबर वन तक पहुंच ही गया.
2001 में अमेरिका पर सबसे बड़े हमले के बाद ओसामा बिन लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का अमेरिका ने किया था एलान. पिछले करीब दस साल से अमेरिका का दुश्मन नंबर वन ओसामा बिन लादेन उसकी आंखों में खटक रहा था.
2001 में ओसामा को सौंपने से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के इनकार के बाद अमेरिका ने वहां हवाई हमले शुरू कर दिए थे. अमेरिकी सेना ने भी अफगानिस्तान में और पाक-अफगान के सरहदी इलाके का चप्पा-चप्पा छान डाला. काबुल और कंधार के बाद तालिबान का एक-एक गढ़ ढहता गया, लेकिन ओसामा और मुल्ला उमर भागने में कामयाब रहा.
जब अफगानिस्तान में नाटो और अमेरिकी सेना के हाथ नहीं लगा ओसामा तो अमेरिका का शक पाकिस्तान के कबायली इलाकों की ओर गया. चित्राल के इलाके में अमेरिका को ओसामा के छुपे होने की खबर मिली थी. चित्राल इलाके के हिंदूकुश के दर्रे के इलाकों में अमेरिका ने ड्रोन हमलों की झड़ी लगा दी. 2008 के फरवरी में यहां अमेरिका ने ड्रोन से कई हमले किए, लेकिन हर वार खाली गया.
बराक ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही ओसामा बिन लादेन को ढूंढ निकालने की कोशिशें और तेज हो गईं. ओबामा ने पाक-अफगान सीमा पर फौजियों का जमावड़ा लगा दिया. इस इलाके में ड्रोन हमलों में भी जबरदस्त तेजी आई.
पाक-अफगान सीमा पर पाराचिनार में भी ओसामा के छुपे होने की खबर आई थी. तालिबान और अलकायदा के प्रभाव वाले इस इलाके में ओसामा का छुपना आसान था, लेकिन यहां भी अमेरिका ने ओसामा को ढूंढने में पूरी ताकत झोंक दी. टोही विमान, ड्रोन अटैक और आसमान से नजरें गड़ाए खोजी सैटेलाइट्स के जरिए अमेरिका ने अपने दुश्मन नंबर वन को ढूंढने में कोई कसर बाकी नहीं रखी.
आखिरकार पाकिस्तान के एबटाबाद में ही ओसामा का ठिकाना मिल गया. अमेरिकी सेना इसी मौके की तलाश में थी और इस तरह दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी का अंत हुआ.