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बल्‍क एसएमएस और एमएमएस पर लगी रोक

संसद में चर्चा के तत्‍काल बाद गृह मंत्रालय ने बल्‍क एसएमएस और एमएमएस पर रोक लगा दी है. संसद में अधिकांश सांसदों ने इसकी मांग की थी कि एसएमएस और सोशल नेटवर्किंग साइट पर तत्‍काल प्रतिबंध लगाया जाए.

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संसद में चर्चा के तत्‍काल बाद गृह मंत्रालय ने बल्‍क एसएमएस और एमएमएस पर रोक लगा दी है. संसद में अधिकांश सांसदों ने इसकी मांग की थी कि एसएमएस और सोशल नेटवर्किंग साइट पर तत्‍काल प्रतिबंध लगाया जाए.

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असम में हो रही हिंसा के बाद पिछले कुछ दिनों से बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे और मुंबई में फैल रही अफवाह से पूर्वोत्तर के लोग पलायन कर रहे हैं. यह अफवाह एसएमएस और सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक, ट्विटर के द्वारा भी फैलाई जा रही है. हालांकि सरकार अभी तक इस बात का पता लगाने में नाकाम रही है कि यह अफवाह कौन और क्‍यों फैला रहा है. हालांकि संसद में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे यह जरूर आश्‍वासन दिया कि अफवाह फैलाने की साजिश रचने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी.

कुछ इसी तरीके का आश्‍वासन देश के प्रधानमंत्री ने भी संसद में दिया. संसद के दोनों सदनों में इस मसले पर गंभीर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के लोगों से अपील की कि वह अफवाहों पर ध्यान ना दें.

बहस के ठीक बाद गृह मंत्रालय ने अफवाहों को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए बल्क एसएमएस और एमएमएस पर अगले 15 दिनों के लिए रोक लगा दी है. बल्क एसएमएस और एमएमएस पर यह रोक तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गया है.

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इससे पहले संसद में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोशल नेटवर्किंग बेवसाइट्स और एसएमएस द्वारा फैलाई जा रही अफवाह की कड़ी निंदा की और यह आश्‍वासन भी दिया कि हम इसकी तहकीकात करेंगे और साजिश करने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई भी करेंगे.

पिछले दो-तीन दिनों में अफवाहों के कारण बैंगलोर, पुणे, हैदराबाद, मुंबई आदि जगहों से 15 हजार से ज्‍यादा पूर्वोत्‍तर के लोग पलायन कर चुके हैं.

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