जापान में आए सूनामी के बाद से वहां के परमाणु ऊर्जा संयत्रों पर मंडरा रहे खतरे के बीच भारतीय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में कहा है कि भारत के सभी परमाणु संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं.
उन्होंने यह सदन को यह भी बताया कि जापान में सभी भारतीय सुरक्षित हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार रेस्क्यू टीमें जापान भेजने की तैयारी कर रही है साथ ही नौसेना को जापान भेजने के लिए सतर्क कर दिया गया है.
जापान में आये विनाशकारी भूकंप और सुनामी से वहां के परमाणु संयंत्रों से रेडियेशन के रिसाव के मद्देनजर भारत ने भूकंप और सुनामी जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं को झेल सकने की क्षमता का आकलन करने के लिए अपने सभी परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा की समीक्षा का निर्देश दिया है. {mospagebreak}
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद के दोनों सदनों में इस बारे में दिये वक्तव्य में कहा, ‘मैं सदस्यों को आश्वासन देना चाहूंगा कि सरकार परमाणु सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है. परमाणु ऊर्जा विभाग और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम सहित उसकी विभिन्न एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे हमारे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सभी सुरक्षा प्रणालियों की तत्काल तकनीकी समीक्षा करें.’
उन्होंने कहा कि समीक्षा का निर्देश विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है कि हमारे परमाणु ऊर्जा संयंत्र सुनामी और भूकंप जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव झेलने में सक्षम हों. सिंह ने कहा कि पूर्व में हालांकि भारत के परमाणु संयंत्र अपने सुरक्षा मानदंडों पर खरे उतरे हैं.
26 जनवरी 2002 को गुजरात के भुज में आये विनाशकारी भूकंप के बावजूद काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र निर्बाध सुरक्षित काम करता रहा. उन्होंने कहा कि 2004 में सुनामी के समय मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन को सुरक्षित तरीके से बंद कर दिया गया और उसके विकिरण (रेडियेशन) संबंधी कोई दुष्प्रभाव नहीं हुए. नियामक समीक्षा के कुछ दिन बाद इस संयंत्र को पुन: शुरू करना संभव हो सका. {mospagebreak}
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि परमाणु ऊर्जा विभाग भारत के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण को और मजबूत करने में लगा है.’ मनमोहन सिंह ने कहा कि भूकंप और सुनामी से जापान के परमाणु ऊर्जा संयंत्र प्रभावित हुए हैं. भारत सरकार इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और जापान के परमाणु उद्योग मंच तथा विश्व परमाणु परिचालक संघ से लगातार संपर्क में है.
उन्होंने कहा, ‘भारत में हम इस समय 20 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का परिचालन कर रहे हैं. इनमें से 18 स्वदेशी दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर हैं. तारापुर के दो रिएक्टर बायलिंग वाटर रिएक्टर जापान के रिएक्टरों जैसे हैं. इन रिएक्टरों का हाल ही में सुरक्षा आडिट हुआ है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत जापान की सहायता करने में कोई कसर नहीं बाकी रखेगा. {mospagebreak}
उन्होंने बताया कि जापान में लगभग 25 हजार भारतीय रहते हैं, जिनमें से अधिकांश सुनामी प्रभावित क्षेत्रों से दूर हैं. अब तक किसी भारतीय के मारे जाने की खबर नहीं है. सुनामी और भूकंप में मारे गये जापानी नागरिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे जापान से बेहतरीन संबंध हैं. हम कभी नहीं भूल सकते कि भारत को जापान ने सबसे अधिक विदेशी विकास सहायता दी है. हम राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के चरण में मदद को तैयार हैं. हम जापान के लगातार संपर्क में हैं ताकि पता चल सके उसे किस तरह की मदद चाहिए. हम बचाव दल और राहत सामग्री भेजने को तैयार हैं.’