वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के बाद कहा है कि लंबा जीवन जीने की चाह रखने वालों को हमेशा अपने जीवन के खुशनुमा पलों को याद रखना चाहिए.
अल्बर्ट आइंस्टाइन कॉलेज ऑफ मेडिसीन के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए 95 वर्ष से ज्यादा उम्र के 500 से ज्यादा यहूदियों और 700 बच्चों का अध्ययन किया. उनकी अनुवांशिक समानता उन्हें जीन अध्ययन के लिए बेहतर उम्मीदवार बनाती है.
मुख्य अनुसंधानकर्ता नीर बारजीलाई का कहना है, ‘जब मैंने 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ काम करना शुरू किया, तो मुझे लगा था कि परिणाम के रूप हमारे सामने आएगा कि उनकी लंबी उम्र का राज उनका संकीर्ण विचार का होना हो सकता हैं.’ इसके बावजूद परिणाम सोच से बिल्कुल अलग ही निकला.
उन्होंने बताया, ‘लेकिन जब हमने 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के 243 लोगों के व्यक्तित्व का अध्ययन किया, तो पाया कि वह जीवन के प्रति काफी सकारात्मक रवैया रखते हैं. उनमें से ज्यादातर मस्ती करने वाले, आशावादी और सहज जीवन जीने वाले हैं. हंसी को वह अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग मानते हैं. वह भावनाओं को दबाकर रखने की जगह उन्हें खुलकर व्यक्त करते हैं.’