कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खुले निमंत्रण के बावजूद रविवार को सरकार में शामिल न होने का निर्णय लिया. इसके बदले वह पार्टी में कोई अधिक महत्वपूर्ण भूमिका सम्भालने वाले हैं.
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राहुल गांधी राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मौजूद थे. उन्होंने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी. इससे यह कयासबाजी तेज हो गई थी कि वह सरकार में शामिल हो सकते हैं.
वह शनिवार को अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे और समझा जाता है कि मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासतौर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट जैसे कुछ युवा मंत्रियों की प्रोन्नति में. सोनिया गांधी ने कुछ समय पहले कहा था कि यह निर्णय पूरी तरह राहुल पर निर्भर है कि वह सरकार में शामिल होना चाहते हैं या नहीं.
राहुल को कैबिनेट में लाना चाहता था: प्रधानमंत्री
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के अधिकार में है कि वह किसी को भी सरकार में शामिल कर सकते हैं. राहुल गांधी संगठन में अधिक रुचि रखते हैं. ऐसी कयासबाजी चल रही है कि राहुल गांधी संगठन में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. शायद यह भूमिका उपाध्यक्ष या सेक्रेटरी जनरल की हो.
राहुल गांधी की अनदेखी तस्वीरें....
अल्वी ने कहा कि पार्टी पर राहुल के ध्यान देने से लम्बी अवधि के दौरान पार्टी को लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री की ओर से राहुल को सरकार में शामिल होने का हालिया निमंत्रण पिछले महीने आया था.
तेहरान में सितंबर में हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) की एक बैठक से लौटते समय रास्ते में मनमोहन ने कहा था कि मैंने इस बात का हमेशा समर्थन किया है कि राहुल सरकार में कोई अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं. मैंने कई बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. मैं आशा करता हूं कि इस बार वह मेरे अनुरोध पर गंभीरता से विचार करेंगे.
उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा सांसद राहुल (42) अगले आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं, यद्यपि सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष बनी रहेंगी. आम चुनाव 2014 में होना है.