'पत्र नहीं प्रस्ताव चाहिए, पूर्वांचल का राज चाहिए' राष्ट्रीय लोकमंच के अध्यक्ष अमर सिंह ने आज इसी नारे के बीच पृथक पूर्वांचल राज्य के गठन की सशक्त पैरवी की.
नोट के बदले वोट मामले में जमानत पर छूटने के बाद इलाज के लिए सिंगापुर जाने को तैयार राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने स्थानीय बेनियाबाग मैदान में आयोजित पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन के दौरान अपना हक मांगने का पूर्वांचल की जनता का आह्वान किया.
लोकमंच के कार्यवाहक अध्यक्ष ओबैदुल्लाह आजमी और रामपुर की सांसद जयाप्रदा के साथ वाराणसी आये अमर सिंह सहयोगियों के सहारे मंच पर चढ़े और व्हील चेयर के बजाय उन्हीं के सहयोग से खड़े होकर भाषण भी दिया लेकिन उनके संबोधन की अवधि एक घंटे से ज्यादा थी और उनकी आवाज में जोश व तेजी भी बरकरार थी.
अमर सिंह ने कहा कि पूर्वांचल में उत्तर प्रदेश की लगभग आधी आबादी (लगभग नौ करोड़) रहती है और उसका प्रतिनिधित्व 147 विधायक और 28 सांसद करते हैं. केंद्रीय बजट से उत्तर प्रदेश को मिलने वाले 18 हजार करोड़ रुपये में पूर्वांचल का कितना हिस्सा होता है यह किसी से छिपा नहीं है. उन्होंने मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि लखनउ और गेट्रर नोएडा में पार्कों और प्रतिमाओं एवं उनकी सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल के विकास से कहीं ज्यादा बजट निर्धारित कर रखा है.
प्रदेश के विभाजन को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा चले जा रहे नये पैंतरे पर अमर सिंह ने कहा कि पूर्वांचल राज्य के गठन के लिए सिर्फ कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का कोई मतलब नहीं है. मायावती सचमुच पूर्वांचल राज्य की हिमायती हैं तो आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में पूर्ण बहुमत वाली सरकार से प्रस्ताव पेश करायें और उसे केंद्र के पास भेजें.