जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोरा ने सोमवार को कहा कि असमय बर्फबारी के कारण 37 किलोमीटर लम्बे अमरनाथ यात्रा मार्ग को तैयार करने में आ रही कठिनाइयों के बावजूद यात्रा निर्धारित तिथि 25 जून को शुरू होगी.
समुद्र तल से 13,888 फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा में स्वत: बनने वाले शिवलिंग के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु कठिन पदयात्रा करते हैं. हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण यात्रा मार्ग का अधिकांश हिस्सा इस समय बर्फ से ढ़का हुआ है.
सोमवार की शाम जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल वोरा ने चंदनवाड़ी और पहलगाम का दौरा करने के बाद कहा कि अमरनाथ यात्रा निर्धारित तिथि 25 जून को ही शुरू होगी. वह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बोर्ड की अभियंत्रण इकाई और स्थानीय प्रशसन को 25 जून से पहले चंदनवाड़ी और बालटाल मार्गों की सफाई के लिए अतिरिक्त प्रबंध करने का निर्देश दिया.
उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि तीर्थयात्रा समय पर शुरू हो पाएगी या नहीं, श्रद्धालुओं की इस चिंता से वह अवगत है और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हालात की समीक्षा कर रहा है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वार्षिक अमरनाथ यात्रा समय पर शुरू हो पाएगी या नहीं, इसको लेकर तीर्थयात्रियों की चिंता से सरकार अवगत है और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हालात की समीक्षा की जा रही है. इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.' बयान में कहा गया कि मंत्रालय में विशेष सचिव ने चार व पांच जून को यात्रा मार्ग का हवाई निरीक्षण किया था और उस समय कई जगहों पर मार्ग बर्फ से ढ़का हुआ था.
बयान के मताबिक, 'जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोरा सोमवार को पहलगाम और मंगलवार को बालताल का दौरा कर व्यक्तिगत रूप से स्थिति की समीक्षा करेंगे. उन्होंने इससे पहले नौ जून को हालात का जायजा लिया था और अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया था ताकि यात्रा समय पर शुरू हो सके.'
उल्लेखनीय है कि अमरनाथ यात्रा 25 जून से शुरू होगी. खराब मौसम और तीर्थयात्रियों के लिए अधिक दिनों तक व्यवस्था बनाए रखने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा की अवधि घटाकर 29 दिन कर दी है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) एवं अन्य धार्मिक संगठन हालांकि यात्रा की अवधि घटाने का विरोध कर रहे हैं.