अमरनाथ यात्रा रविवार सुबह पांच बजे से शुरू हो गई. 39 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं.
सेना के अलावा सीआरपीएफ की 36 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं. बाबा बर्फानी ने बुलाया, तो भक्तों का रेला चला आया. अमरनाथ शुरू होते ही पहला जत्था सुबह यात्री निवास से दक्षिण कश्मीर की अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हो गया.
पहला जत्था 25 जून, यानी सोमवार को पवित्र हिमलिंग के दर्शन करेगा. इस यात्रा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आए हैं. क्या बच्चे, क्या बूढ़े, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सब जोश से भरे हुए हैं.
अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने के दो रास्ते हैं. एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बलटाल. पहलगाम के लिए जम्मू से 315 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. उसके बाद पहलगाम से यात्रियों का जत्था पैदल या स्थानीय साधनों से बम भोले के दरबार के लिए निकलता है. सोनमर्ग बलटाल का रास्ता छोटा है, लेकिन बेहद थोड़ा जोखिम भरा है.
प्रशासन ने इस यात्रा के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है. सुरक्षा में किसी तरह की कोर-कसर नहीं छोड़ी गई है.
25 जून से दो अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा की तैयारी मई के पहले हफ्ते से ही शुरू हो गई थी. आखिरकार वो दिन आ ही गया, जब भक्त बाबा का नाम लेकर उनके दर्शनों के लिए निकल पड़े हैं.