पेंटागन की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि बीते कई वर्षों में परमाणु हमले से निपटने में अमेरिका की क्षमता घटी है और किसी भी प्रकार के परमाणु हमले से बच निकलने में इसकी तैयारी का बंटाधार हो चुका है.
इस रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय से किसी भी परमाणु हमले से बच निकलने में क्षमता बढ़ाने को कहा गया है. इन निष्कर्षों को पेंटागन के लिए खतरे की घंटी करार दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शीतयुद्ध काल में रूस और अमेरिका एक दूसरे को अक्सर परमाणु हमले की धमकी देते रहे थे जो समय बदलने के साथ समाप्त हो गई. इसलिए परमाणु हमले के प्रभावों से निपटने में अमेरिका के पास क्षमता थी.
इस अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिका के पास परमाणु हमले से निपटने के लिए जरूरी जानकारी नहीं है. अध्ययन में इस विशेषज्ञता में कमी को खतरनाक कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि परमाणु विकिरण के प्रभाव से निपटने के संबंध में राष्ट्र के पास स्पष्ट समझ नहीं है. इसमें खेद जताया गया है कि ऐसी स्थिति के निदान में जरूरी विशेषज्ञता और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय कमी आयी है.