अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार की नीतियों पर करार प्रहार करते हुए कहा कि सरकार शहीदों की कुर्बानी भी भूल गई है.
दिल्ली में 11 दिसंबर के एकदिवसीय अनशन के लिए रालेगण सिद्धि से रवाना होने से पहले अन्ना हजारे ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी लूट जारी है, भ्रष्टाचार कायम है, इसलिए लोगों को लाठी-गोली खाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
अन्ना ने कहा कि 11 दिसंबर को तो एक दिन का अनशन है, पर इसके बाद 27 दिसंबर से लंबा अनशन शुरू होगा. उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता और पैसे के नशे में चूर है. सरकार को जगाने के लिए बड़ी कुर्बानी देने को तैयार रहना चाहिए.
अन्ना हजारे रविवार को पूरे दिन जंतर-मंतर पर बैठेंगे. इस दौरान उनके समर्थकों के भी बड़ी संख्या में मौजूद रहने की संभावना है. इस मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों में भी तैनात रहने का अनुमान है.
सरकार पर निशाना साधते हुए अन्ना हजारे ने कहा, ‘यह सरकार सत्ता और पैसे के नशे में चूर है. इसके अलावा मुझे कोई और वजह दिखाई नहीं पड़ती. ये लोग भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को भूल गए हैं. जिस तरह एक शराबी बेहोशी की हालत में हो जाता है, उसी तरह यह सरकार बेहोश हो गई है.’
उन्होंने कहा, ‘यह हमारा काम है कि हम उन्हें होश में लाएं. यह सिर्फ एक दिन का अनशन है. 27 दिसंबर के बाद लंबा आंदोलन होगा. आज मैं आप लोगों को देखकर ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं.’
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे का यह दूसरा विरोध प्रदर्शन होगा. इससे पहले अप्रैल महीने में उन्होंने जंतर-मंतर पर अनशन किया था, जिससे सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक साझा समिति गठित करने पर विवश हुई थी.
अन्ना हजारे ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि स्थायी समिति का प्रस्ताव राहुल के दबाव में ही तैयार किया गया है.
उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह 27 दिसंबर से रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन समय के लिए अनशन पर बैठ जाएंगे और उत्तर प्रदेश सहित उन सभी पांच राज्यों में सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.