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टूटी टीम अन्ना, अलग हुए अरविंद केजरीवाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की बुधवार को हुई बैठक विफल हो गई और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा कर दी.

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अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल
अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की बुधवार को हुई बैठक विफल हो गई और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा कर दी.

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बैठक के बाद हजारे ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि टीम अलग हो गई है. मैं किसी पार्टी या समूह में शामिल नहीं होऊंगा. मैं उनके प्रचार अभियान में शामिल नहीं होऊंगा. मैंने उन्हें अपना फोटो और नाम के इस्तेमाल से मना कर दिया है. आप खुद से लड़िए.’

गौरतलब है कि हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम ने पिछले साल मौजूदा सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह करोड़ों रुपये खर्च कर उन्हें तोड़ने की कोशिश में लगी है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के अगले स्वरूप को लेकर हुई बैठक में अन्ना की अगुवाई वाला ‘टीम अन्ना’ आंदोलन बिखर गया.

अन्ना के नेतृत्व में जंतर मंतर पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध पहला अनशन 2011 में अप्रैल महीने में हुआ था. केजरीवाल पर हमला करते हुए हजारे ने कहा कि अगर जनता का भारी समर्थन राजनीतिक दल के गठन के पक्ष में था तो फिर बुधवार को बैठक बुलाई ही क्यों.

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बंद कमरे में नौ घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद हजारे ने कहा कि केजरीवाल और उनके रास्ते अलग हो गए हैं. उन्होंने केजरीवाल को नयी पार्टी की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि पार्टी बनाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है लेकिन मैं पहले से कहता रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा और उन्हें मेरी शुभकामनाएं रहेंगी.’

हजारे ने इंडिया एगेंस्ट करप्शन द्वारा कराए गए जनमत सर्वेक्षण को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘मुझे फेसबुक, इंटरनेट के माध्यम से कराए गए सर्वेक्षण पर भरोसा नहीं है.’

हालांकि उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक पार्टी का गठन करना दोष नहीं है और ना ही चुनाव लड़ने वालों का विरोध है. अगर उन्हें लगता है कि उन्हें संसद में बहुमत हासिल हो जाएगा तो यह अच्छी बात है. हमारे रास्ते अलग हो गए हैं. हम दोनों ने अपना अलग अलग रास्ता चुना है.’

जब उन्हें इस बात की ओर इशारा दिलाया गया कि केजरीवाल ने पूर्व में घोषणा की थी कि हजारे के मंजूरी दिए जाने तक वह पार्टी का गठन नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो पार्टी का गठन नहीं किया जाना चाहिए.

बुधवार को हुई बैठक में न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी सहित कुछ पत्रकार और अन्य लोग शामिल हुए जिसमें एक समूह ने आरोप लगाया कि हजारे का केजरीवाल समूह ने ‘शोषण’ किया. इसके जवाब में अन्य समूह ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने अन्ना की छवि को उभारा.

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बुधवार के के घटनाक्रम पर केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘देश बिक रहा है. वह बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. मैं अपने देश को बचाने के लिए जो भी संभव होगा करूंगा.’ राजनीतिक पार्टी के गठन की विरोधी किरण बेदी ने ट्वीट किया, ‘अन्ना ने आखिरकार खुद को राजनीतिक विकल्प से दूर कर लिया. आंदोलन को मजबूत करने का कदम. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन एकजुट हों.’

 

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