बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधीवादी अन्ना हज़ारे से मुलाकात के बाद संकेत दिया कि वह अपने राज्य में ऐसे लोकायुक्त का गठन करने के इच्छुक हैं, जिसके दायरे में मुख्यमंत्री पद भी आए. कुमार ने अगले दौर की बातचीत के लिये हज़ारे पक्ष को पटना आमंत्रित किया है.
मुख्यमंत्री ने हज़ारे और उनके सहयागियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने हज़ारे पक्ष से राज्य में भी लोकायुक्त का गठन करने के बारे में विस्तृत चर्चा की. हम चाहते हैं कि भ्रष्टाचार विरोधी निकाय का दायरा व्यापक हो. इस संबंध में हज़ारे के साथ अगले दौर की बातचीत पटना में होगी.’ बैठक में मौजूद रहीं किरण बेदी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में सभी स्तर के अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री पद को भी लोकायुक्त के दायरे में रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की पहल की है.
इस पर हज़ारे ने कहा, ‘हम जिन मुद्दों के लिये संघर्ष कर रहे हैं, उनसे जुड़े कई कदम नीतीश कुमार पहले ही बिहार में उठा चुके हैं. यह देश के लिये काफी महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री भी सभी स्तर के नौकरशाहों को स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के दायरे में लाने के पक्ष में हैं. हम उम्मीद करते हैं कि बिहार में लोकायुक्त का गठन होगा.’
हज़ारे के साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने भी कहा, ‘नीतीश कुमार बिहार में भी लोकायुक्त का गठन चाहते हैं. वह अपने राज्य में एक स्वतंत्र लोकायुक्त के गठन की संभावनाओं को गंभीरता से तलाशना चाहते हैं.
नीतीश ने कहा, ‘हमने बिहार में ऐसे कानून बनाये हैं जिससे भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई एक वर्ष में कराना और आय से अधिक संपत्ति रखने वालों की भ्रष्टाचार से इकट्ठा की गयी संपत्ति को जब्त करना सुनिश्चित किया जा सके. कुछ मामलों में भ्रष्ट लोगों की संपत्ति जब्त भी की गयी है.’