भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि लोकपाल विधेयक के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ की गई तो वह फिर से आमरण अनशन करेंगे.
हजारे ने बैंगलोर ग्रामीण जिले के बेगुर गांव में ग्रामीणों को अपने संबोधन में कहा, ‘यदि जन लोकपाल विधेयक कानून का रूप ले लेता है तो 60 से 70 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. यह विधेयक भ्रष्टाचार के पूर्ण उन्मूलन के लिए आधारशिला रखेगा.’
लोकपाल विधेयक के लिए सरकार पर दबाव बनाने की खातिर पिछले दिनों नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन कर चुके हजारे ने ग्रामीणों से कहा कि यदि इस विधेयक का कार्यान्वयन नहीं किया जाता है, तो वे राष्ट्रव्यापी विरोध के लिए तैयार रहें.
उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान की तुलना ‘चोट लगने पर किए जाने वाले प्राथमिक उपचार’ से की और कहा कि भ्रष्टाचार के समूल सफाये के लिए जरूरी है कि बचपन से ही सही मूल्यों की शिक्षा दी जाए और यह काम महिलाएं सर्वाधिक बेहतर तरीके से कर सकती हैं.
हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार के उन्मूलन और अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में एक आदर्श गांव विकसित कर ग्रामीण विकास के महात्मा गांधी के सपने को सच करने के लिए उन्होंने अपनी ओर से अच्छे से अच्छा प्रयास करने की कोशिश की.
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘13 साल पहले मेरे गांव में 40 स्थानों पर शराब बनाई जाती थी लेकिन आज गांव में कहीं भी ऐसा नहीं होता. मेरे गांव में न तो लोग धूम्रपान करते हैं और न ही कोई गुटखा खाता है.’
बिना किसी ‘बैंक बैलेंस’ के, सादगीपूर्ण जीवन जी रहे हजारे पूरी तरह स्वस्थ और बहुत खुश हैं जबकि ‘यह आनंद कई करोड़पतियों को नसीब नहीं होता.’ उन्होंने कहा ‘‘मैं एक मंदिर में रहता हूं. सोने के लिए मेरे पास केवल एक चारपाई और खाने के लिए एक प्लेट है लेकिन मैं बहुत खुश और संतुष्ट हूं. आज, 76 साल की उम्र में भी मैं स्फूर्तिमान और पूरी तरह स्वस्थ हूं क्योंकि मैं हर तरह के व्यसन से दूर हूं.’