लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर सरकार को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों ने पिछले एक साल से चलाए जा रहे अपने अभियान के दौरान 32 लाख 69 हजार नौ सौ रुपया खर्च किया.
इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) द्वारा उपलब्ध कराए गए ब्योरे के मुताबिक उसने चंदे के रूप में 82, 87, 668 रूपया प्राप्त किया, जबकि इस अभियान में 32, 69,900 रूपया खर्च हुआ.
संगठन के प्रवक्ता ने बताया, ‘हमने सभी दानकर्ताओं को रसीद जारी किया है और उनके ब्योरे का हिसाब किताब रखा है. हमने ‘पब्लिक काउज रिसर्च फाउंडेशन’ के खाते से रसीद जारी किया है, जो इस अभियान के लिए सचिवालय के रूप में काम कर रहा है.’
आईएसी के मुताबिक उन्होंने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए तंबू, बिस्तर, साउंड सिस्टम और हॉल बुक करने में 9,47,344 रुपया खर्च किया. टेलीफोन कॉल पर 8,93,938 रुपया खर्च किया गया जबकि यात्रा पर 4,61,382 रुपया खर्च किया गया.