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अन्‍ना के अनशन ने फिर मचाई हलचल

देश में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग और जोर पकड़ती जा रही है. अन्‍ना हजारे की अगुवाई में आम लोगों ने मजबूत लोकपाल के लिए फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

देश में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग और जोर पकड़ती जा रही है. अन्‍ना हजारे की अगुवाई में आम लोगों ने मजबूत लोकपाल के लिए फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है.

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अन्‍ना हजारे राजधानी दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर एक दिन के सांकेतिक अनशन पर हैं. उनके साथ उनकी टीम के कुछ अन्‍य सदस्‍य भी अनशन कर रहे हैं. देश में 58 जगहों पर अन्‍ना समर्थक अनशन कर रहे हैं.

रविवार सुबह से लेकर अब तक...
अन्‍ना हजारे दिल्‍ली में स्थित महाराष्‍ट्र सदन से चलकर सबसे पहले बापू के समाधि स्‍थल 'राजघाट' पहुंचे. राजघाट पर अन्‍ना हजारे ने बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद ध्‍यान लगाया. इसके बाद वे पहले से निर्धारित अनशन स्‍थल 'जंतर-मंतर' पहुंच गए. जंतर-मंतर पर आम लोग बड़ी संख्‍या में जमा होकर एक-दूसरे का उत्‍साह बढ़ा रहे हैं.

कांग्रेस का बदलता नजरिया
कांग्रेस प्रवक्‍ता संजय निरुपम ने आजतक से कहा कि उनकी पार्टी अन्‍ना हजारे के आंदोलन से विचलित नहीं है. उन्‍होंने कहा कि अन्‍ना यूपीए सरकार और कांग्रेस को बदनाम कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि अन्‍ना के अनशन का कोई औचित्‍य नहीं है.

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अरविंद केजरीवाल का करारा प्रहार
टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकपाल पर न तो प्रधानमंत्री, न ही संसद की चली. उन्‍होंने कहा कि लोकपाल पर सिर्फ राहुल गांधी की बात मानी गई. उन्‍होंने कहा कि सरकार टीम अन्‍ना से किए वादे से मुकर रही है. उन्‍होंने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्‍या देश में सचमुच जनतंत्र है? उन्‍होंने पूछा, 'लालू व अमर सिंह जैसे लोग भ्रष्‍टाचार कैसे मिटाएंगे?'

क्‍या है टीम अन्‍ना का मकसद...
टीम अन्‍ना सरकार पर मजबूत भ्रष्‍टाचार विरोधी कानून लाने के लिए दबाब बनाने के मकसद से ऐसा कर रही है. देश में भ्रष्‍टाचार के मामलों की निगरानी और उसके उचित कानूनी निपटारे के लिए लोकपाल नाम की संस्‍था/निकाय की जरूरत बताई गई है. टीम अन्‍ना चाहती है कि भ्रष्‍टाचार विरोधी कानून बेहद सख्‍त हो.

सरकार और सियासी पार्टियों पर आरोप
टीम अन्‍ना का आरोप है कि सरकार जान-बूझकर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कमजोर कानून ला रही है. साथ ही सरकार में भ्रष्‍टाचार रोकने की इच्‍छाशक्ति की अभाव है. आरोप है कि सियासी पा‍र्टियां अपने-अपने फायदे के लिए भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग को कमजोर कर ही हैं.

लोकपाल बिल की मौजूदा स्थिति
लोकपाल को लेकर गठित संसद की स्‍थाई समिति अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर चुकी है. अब लोकपाल पर संसद में बहस होगी. लोकपाल को लेकर कानून कैसा हो और यह कब बने, यह फैसला सांसदों को करना है.

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