गांधीवादी अन्ना हजारे ने 12 दिनों तक बिना अन्न के रहने के बाद रविवार को 13वें दिन अपना अनशन तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जन लोकपाल पर हुई यह जीत लड़ाई की शुरुआत है.
अनशन तोड़ने के बाद रामलीला मैदान में उमड़े हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि जन लोकपाल के विषय में तीन मुद्दों का समधान निकला है. शेष मुद्दों पर जीत मिलने तक हमें आवाज बुलंद रखनी होगी. तभी मेरा अनशन सही मायनो में टूटेगा.
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उन्होंने कहा कि यह लड़ाई परिवर्तन की है. यह लड़ाई की शुरुआत भर है. जब तक पूरा परिवर्तन नहीं आ जाता तब तक हमें यह मशाल जलाए रखनी होगी.
हजारे ने अपने समर्थकों से कहा कि सिर्फ अन्ना की टोपी पहन लेने से आप गांधीवादी नहीं बन जाएंगे. आपको शुद्ध आचरण और निष्कलंक जीवन बनाए रखना होगा.
उन्होंने संकेत दिया कि अगली लड़ाई चुनाव सुधार के लिए होगी. हजारे ने कहा कि अब हमें अपने प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और नापंसदी के अधिकार के बारे में सोचना होगा. हमें चुनाव व्यवस्था बदलनी है.
हजारे ने कहा कि हमें देश में परिवर्तन संविधान के मुताबिक करना है. अमीर-गरीब के अंतर को खत्म करना है. सत्ता मंत्रालयों में सिमट गई है. हमें इसका विकेंद्रीकरण करना है. ग्राम सभाओं को मजबूत करना होगा.
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उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से स्पष्ट हो गया है कि जनता की संसद बड़ी है. जनसंसद के आदेश पर दिल्ली की संसद ने फैसला किया है. इस आंदोलन ने भरोसा दिलाया है कि हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर पाएंगे और बाबा अंबेडकर के संविधान पर अमल कर सकेंगे.
संसद से ऊंची है जनसंसद: अन्ना हजारे
हजारे ने कहा कि उनके अनशन और आंदोलन का समर्थन करने के लिए मैं सभी लोगों खासकर युवाओं का समर्थन करता हूं. मैं जन लोकपाल तैयार करने वाले सिविल सोसायटी के सदस्यों, तिरंगा लेकर नारेबाजी करने वालों और स्वयंसेवियों का आभार व्यक्त करता हूं. इस मौके पर अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने कहा कि आज शाम छह बजे इंडिया गेट पर एकत्र होकर जश्न मनाया जाएगा.