भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलम्बित अधिकारी संजीव भट्ट की गुजरात में हुई गिरफ्तारी को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को निंदा की. अन्ना ने कहा कि गुजरात सरकार का यह कदम लोकतंत्र का गला घोटने जैसा है.
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अन्ना मंगलवार को अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपने विचार रखने का हर किसी को अधिकार है. अन्ना ने कहा, ‘संजीव भट्ट ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर कोई गुनाह नहीं किया है. शपथ पत्र की सच्चाई के बारे में पता लगाने का काम न्यायालय का है. गुजरात सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए. उसने भट्ट को गिरफ्तार कर बहुत गलत काम किया है.’ वैसे संजीव भट्ट को अपने सहयोगी को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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अन्ना ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘(मुख्यमंत्री) नरेंद्र मोदी की सरकार ने संजीव भट्ट को गिरफ्तार कर यह साबित कर दिया है कि वह लोगों की जुबान बंद करना चाहती है. यह बिल्कुल गलत है.’
ज्ञात हो कि कांग्रेस पार्टी अन्ना हजारे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुखौटा होने का आरोप लगाती रही है. अन्ना ने इस मुद्दे पर एक बार फिर कहा कि ऐसा कहने वालों को मानसिक इलाज के लिए पागलखाने में रखा जाना चाहिए. अन्ना ने कहा कि ऐसा कहने वाला कोई व्यक्ति यह बताए कि वह संघ के किस कार्यक्रम में कब और कहां शामिल हुए थे.