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जंतर मंतर नहीं, अब राजघाट पर होगा अन्‍ना का अनशन

गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे और उनके समर्थकों ने दिल्ली पुलिस के अनुमति देने से इनकार करने के बाद बुधवार को महात्‍मा गांधी के समाधि स्‍‍थल राज घाट पर अनशन करने का फैसला किया है.

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गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे और उनके समर्थकों ने दिल्ली पुलिस के अनुमति देने से इनकार करने के बाद बुधवार को महात्‍मा गांधी के समाधि स्‍‍थल राज घाट पर अनशन करने का फैसला किया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि धरना स्थल जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है. इसके लिये रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होने के बाद रविवार को वहां लागू की गयी निषेधाज्ञा का हवाला दिया गया है.

सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस हज़ारे और उनके साथियों को अनुमति नहीं दिये जाने के बारे में पहले ही सूचित कर चुकी है.

पुलिस ने विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के मुद्दे पर अनशन कर रहे रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान पर कार्रवाई करने के बाद जंतर मंतर और नयी दिल्ली जिले के अन्य क्षेत्रों में 15 दिन के लिए धारा 144 लागू कर दी है.

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हालांकि, अब हज़ारे के साथी और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्‍ना हजारे का अनशन अब राजघाट पर होगा.
हज़ारे ने बीते रविवार घोषणा की दी थी कि वह रामदेव पर हुई कार्रवाई के विरोध में 8 जून को जंतर मंतर पर एक दिन का अनशन करेंगे. वह अप्रैल में भी जंतर मंतर पर 5 दिन अनशन कर लोकपाल विधेयक मसौदा समिति का गठन करने की अपनी मांग सरकार से मनवा चुके हैं.

हज़ारे पक्ष की ओर से सोमवार रात पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, ‘शांतिपूर्ण और निहत्थे तरीके से इकट्ठा होना संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ब) के तहत प्रदत्त मूल अधिकार है. हम आठ जून को अनशन करने जा रहे हैं जो शांतिपूर्ण रहेगा और इसके कारण देश की संप्रभुता, अखंडता तथा लोक व्यवस्था के समक्ष कोई खतरा खड़ा नहीं होगा.’

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘लोगों को जंतर मंतर पर पहुंचने से रोकने की किसी भी कोशिश को जनता के मूल लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन के तौर पर देखा जायेगा. हमें उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस इस तरह की कोशिश नहीं करेगी.’ दिलचस्प रूप से, भूषण के लिखे पत्र के लहज़े से संकेत मिलते हैं कि हज़ारे पक्ष ने दिल्ली पुलिस से अनुमति नहीं मांगी, बल्कि उसे महज प्रस्तावित अनशन के बारे में सूचित किया.

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इससे पहले आज ही केजरीवाल ने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि उसे हज़ारे के अनशन से कानून व्यवस्था से जुड़ी कौन सी समस्या खड़ी होने की आशंका है.

उन्होंने कहा, ‘हज़ारे 73 वर्ष के हैं. उन्होंने कभी भी किसी को नहीं भड़काया और न ही उकसाने वाले भाषण किये. उनका कभी हिंसक अतीत नहीं रहा. जब वह कह रहे हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होना चाहते हैं तो धारा 144 की जरूरत क्या है. अगर पुलिस हमें रोकने की कोशिश करेगी तो हम प्रतिरोध नहीं करेंगे और महज गिरफ्तारी दे देंगे.’

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने मनमाने ढंग से धारा 144 लगा दी थी. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का एक आदेश है जो कहता है कि धारा 144 का इस तरीके से दुरुपयोग नहीं होना चाहिये.

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