योगगुरू रामदेव की अरविंद केजरीवाल के भाषण पर की गई टिप्पणी और फिर केजरीवाल के मंच छोड़ चले जाने के बाद अनशन के आखिर में गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रामदेव के साथ किसी भी गलतफहमी या टीम अन्ना में मतभेदों के आरोपों से साफ इंकार किया.
उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र के 36 जिलों के दौरे पर था. मैं दौरे को बीच में छोड़ यहां आया क्योंकि मैंने उनसे वादा किया था कि मैं उनका समर्थन करूंगा. हजारे ने कहा कि अगर मैं नहीं आता तो लोग फिर से कहते कि रामदेव के साथ मतभेद है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ने का संकल्प करते हुए हजारे ने कहा कि जब तक प्राण हैं लड़ता रहूंगा और अब बाबा आ गए हैं तो शक्ति आ गई है. हजारे ने अपने भाषण में ‘राइट टू रिजेक्ट’ का जबरदस्त समर्थन किया और कहा कि इसका इस्तेमाल कर आपराधिक मामलों का सामना करने वालों व्यक्तियों को संसद से दूर रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अभी कहा कि संसद में ऐसे लोग बैठे हैं जिनके खिलाफ मामले हैं, इसे रोकने के लिए हमें राइट टू रिजेक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए.