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अन्‍ना हजारे ने की नए ब्‍लॉग की शुरुआत

पूर्व ब्लॉगर के साथ विवाद के बाद अपना ब्लॉग बंद करने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे ने अपने नये ब्लॉग में गांवों के सर्वांगीण विकास का सपना बुनते हुए इसमें ‘सद्चरित्र’ उद्योगपतियों को शामिल करने की जरूरत बताई.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

पूर्व ब्लॉगर के साथ विवाद के बाद अपना ब्लॉग बंद करने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे ने अपने नये ब्लॉग में गांवों के सर्वांगीण विकास का सपना बुनते हुए इसमें ‘सद्चरित्र’ उद्योगपतियों को शामिल करने की जरूरत बताई.

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पिछले ब्लॉग में अन्ना हजारे जहां क्रांति को लंबे समय तक जिंदा रखने का आह्वान करते हैं वहीं नये ब्लॉग में उन्होंने जनलोकपाल और खुद के लिये समर्थन मांगा है. नये ब्लॉग को उनके संगठन ‘इंडिया अंगेस्ट करप्शन’ के पते के साथ जोड़ा गया है. इसके अलावा ब्लॉग अंग्रेजी और हिंदी में है. पहले उनके ब्लाग मराठी और अंग्रेजी में आते रहे हैं.

अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग में जनलोकपाल, चुनाव सुधार और शक्तियों के विक्रेंद्रीकरण के अलावा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये आदर्श गांवों के विकास का ताजा एजेंडा पेश किया. हजारे ने देश के ग्रामीण विकास के लिए अपने गांव रालेगण सिद्धि का उदाहरण दिया और इस काम में ‘सद्चरित्र’ उद्योगपतियों को शामिल करने की जरूरत पर बल दिया जो देश की सेवा करने के लिये इच्छुक हों जैसे महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन में कुछ ने मदद की थी.

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गांधीवादी हजारे ने अपने ब्लॉगर राजू पारूलेकर के साथ विवाद के बाद इस महीने के पहले सप्ताह में अपना ब्लॉग बंद कर दिया था. उन्होंने नये पते के साथ नया ब्लॉग लिखा. पेशे से पत्रकार पारूलेकर हजारे के ब्लॉग का प्रबंधन करते थे. हजारे ने आरोप लगाया था कि पारूलेकर ने बिना उनसे बात किये टीम अन्ना की कोर कमेटी के पुर्नगठन पर उनका विचार जारी कर दिया था. हालांकि पारूलेकर ने इस आरोप का खंडन किया और हजारे का अप्रकाशित पत्र सार्वजनिक कर दिया, जिसमें उन्होंने टीम को पुर्नगठित करने की बात कही थी.

अपने ताजा ब्लॉग में हजारे ने बड़े उद्योगों का समर्थन करने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमारे देश के कई नेताओं को लगा कि बड़े-बड़े उद्योग खड़े किये बिना देश का विकास नहीं होगा और हमारे नेता बड़े-बड़े उद्योग खड़े करने में लग गये.’ हजारे ने कहा, ‘लेकिन जैसे-जैसे शहरों में उद्योग खड़े होते गये वैसे-वैसे गांव के लोग शहर की तरफ बढ़ते गये. शहर फैलते गये और झोपड़ियां बढ़ती गई, अपराध बढ़ गये और प्रकृति एवं मानवता का शोषण शुरू हुआ.’

उन्होंने बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने वाली नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘देश के विकास का सपना देखते हुए बड़े पैमाने पर उद्योग खड़ा कर दिया गया. उद्योग खड़ा करने के बाद 65 साल में देश का सही विकास हुआ दिखाई देना चाहिये था लेकिन देश की तस्वीर क्या है?’ हजारे ने कहा, ‘देश का सही विकास करना तो एक तरफ देश में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिये जनलोकपाल और जनलोकायुक्त कानून पास कराने के लिये प्रयास हो रहा है और अन्य कई प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए चुनाव सुधार, खारिज करने का अधिकार, सत्ता के विकेंद्रीकरण के कानून बनवाने हैं और साथ-साथ कानूनों का सही अमल होने के लिये प्रयास किया जाना है.’

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उन्होंने कहा, ‘देश के विविध हिस्सों में सौ आदर्श गांव बनाने हैं. एक तरफ भ्रष्टाचार को रोकना और दूसरी तरफ आदर्श गांव का निर्माण करना देश के विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण काम है.’ हजारे ने बताया कि देश के कई भागों से उनके पास 50 सुशिक्षित लोगों के पत्र आये हैं जो अपना जीवन समर्पण करने के लिये तैयार हैं. इसके अलावा कई और लोग हैं जो इस पूरे आंदोलन से जुड़ना चाहते हैं.

हजारे ने कहा, ‘हमें पहले इनमें से चरित्रवान लोगों का चयन करना होगा और उन्हें प्रशिक्षण देना होगा. यह प्रशिक्षण तीन महीने का होगा. एक गांव के लिये दो नेता का चुनाव जरूरी है.’ हजारे ने कहा कि आदर्श ग्राम के काम के लिये देश के राष्ट्रप्रेम की भावना वाले सद्चरित्र उद्योगपतियों को भी जोड़ना होगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि भ्रष्टाचार को रोकना और आदर्श गांव स्थापित करना देश को नई दिशा देने वाला कार्य होगा.’

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