अन्ना हजारे ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ‘लोगों की एक पार्टी’ उभरने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि अगर लोगों के चुने उम्मीदवार ही चुनाव लड़ें तो इसमें कुछ गलत नहीं है.
हजारे ने कहा कि मैं पूरे देश की यात्रा करुंगा और लोगों से कहूंगा कि सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन करें. उसके बाद मैं उम्मीदवारों के लिए प्रचार करुंगा.
उन्होंने कहा कि हम उम्मीदवारों के नाम नेट पर डालकर लोगों को बताएंगे कि उनके लिए कौन सबसे अच्छा उम्मीदवार है. हम उनसे कहेंगे कि वे चाहें तो निर्दलीय चुनाव लड़ें या पार्टी के तौर पर. यह फैसला उन पर होगा. एक नई पार्टी बनने में कुछ गलत नहीं है.
जंतर मंतर पर टीम अन्ना के अनशन के दौरान कम संख्या में लोगों के आने के सवाल पर हजारे ने इस बात को खारिज कर दिया कि उनका आंदोलन कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा कि अभी और लोग शामिल होंगे.
हजारे ने कहा कि इस देश को न तो कांग्रेस और ना ही भाजपा उज्ज्वल भविष्य दे सकती है. उन्होंने लोकपाल पर सरकार से बातचीत करने के लिए संपर्क करने की बात से इनकार किया और कहा कि अगर सरकार लोकपाल को लेकर अब भी गंभीर है तो टीम अन्ना से संपर्क करने के लिए उनका स्वागत है.
हजारे ने कहा कि जनता जानती है कि कि सभी दलों ने लोकपाल विधेयक का विरोध किया. वह 2014 के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को सबक सिखाएगी. जनता उन सब को खारिज कर देगी. अभी लोग कुछ नहीं कर सकते लेकिन अगले चुनाव का इंतजार करें.
इससे पहले टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘लोगों का मोर्चा’ सामने आ सकता है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने भी आंदोलन के मंच से टीम अन्ना को सलाह दी कि एक वैकल्पिक राजनीतिक व्यवस्था बनाकर अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएं.