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सरकार ने हमारे साथ धोखा किया: अन्‍ना हजारे

अन्ना हजारे ने आरोप लगाया कि सरकार लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को धोखा दे रही है और कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु रामदेव के अनशन आंदोलन में शामिल होंगे.

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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे

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अन्ना हजारे ने आरोप लगाया कि सरकार लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को धोखा दे रही है और कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु रामदेव के अनशन आंदोलन में शामिल होंगे. गांधीवादी हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के लिए सरकार के पास इच्छाशक्ति का अभाव है.

उन्होंने कहा कि मैं बाबा रामदेव के आंदोलन में पांच जून को शरीक हूंगा. लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है. सरकार ने हमें धोखा देने की कोशिश की है. सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि वह हमारी मांगों पर विचार करेगी. हजारे ने कहा कि वह आगे के कार्यक्रम को लेकर योग गुरु से चर्चा करेंगे.

हजारे ने कहा कि सरकार ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को धोखा दिया है और लोगों ने सरकार के विश्वासघात को महसूस किया है. उन्होंने कहा कि मैं बाबा रामदेव का समर्थन करूंगा ताकि सरकार वह न कर सके जो उसने तब किया जब हम लड़ रहे थे. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे. आगे से हम भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के मुद्दे पर मौखिक आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगे.

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हजारे ने यह भी उल्लेख किया कि जनता में योग गुरु की एक प्रतिष्ठा है और जहां भी वह जाते हैं लोग उन्हें सुनने के लिए जुट जाते हैं. बुधवार को बाबा रामदेव के साथ हुई वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोध कांत सहाय की बातचीत के एक दिन बाद हजारे की यह टिप्पणी आई है.

चारों मंत्रियों ने बाबा रामदेव को इस बात के लिए मनाने की कोशिश की कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन नहीं करें लेकिन योग गुरु ने कहा कि वह चार जून से अपना आंदोलन शुरू करके रहेंगे.

सरकार चाहती है कि फिर से उस तरह की स्थिति पैदा न हो जो अप्रैल में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अन्ना हजारे के आंदोलन से पैदा हुई थी. सरकार के उस समय के आश्वासन का तत्काल कोई परिणाम निकलता प्रतीत नहीं हो रहा. बाबा रामदेव विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर आश्वासनों की बजाय कार्रवाई की बात पर अड़ गए हैं. हजारे ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक पदाधिकारी को लोकपाल विधेयक के दायरे में आना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार तभी हरकत में आई है जब रामदेव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चार जून से अपना आंदोलन शुरू करेंगे.

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हजारे ने कहा कि इतने दिन से हम मांग (लोकपाल विधेयक के तत्काल कार्यान्वयन) कर रहे हैं, सरकार ने हमारी क्यों नहीं सुनी. अब सरकार सिर्फ इस वजह से दौड़ रही है कि अनशन पर बैठने का समय आ गया है. उन्होंने कहा ‘बाबा रामदेव काफी दिन से काले धन को वापस लाने की मांग उठा रहे हैं. सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ करने की क्यों नहीं सोची. लोग अब यह जानना चाहते हैं कि सरकार के क्या इरादे हैं.’ गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.

हजारे ने कहा ‘अब हम और खोखले आश्वासन या मौखिक वायदे नहीं चाहते. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में तब तक लड़ाई जारी रहेगी जब तक कि हमें वह नहीं मिल जाता जो हम चाहते हैं.’

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