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लोकपाल पर सरकार की नीयत साफ नहीं: अन्‍ना हजारे

अन्‍ना हजारे ने केंद्र सरकार पर लोकपाल बिल को कमजोर करने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

अन्‍ना हजारे ने केंद्र सरकार पर लोकपाल बिल को कमजोर करने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उन्‍होंने चुनाव वाले राज्‍यों में फिर से विरोध में प्रचार करने की चेतावनी भी दे डाली है.

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रालेगण सिद्धि में अन्‍ना हजारे ने मीडिया से कहा कि संसद ने लोकपाल को लेकर जिन 3 बिंदुओं पर सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव पास कर स्‍टैंडिंग कमेटी को भेजा था, अब वह उससे पीछे हट रही है. अन्‍ना ने कहा कि सिटिजन चार्टर, लोअर ब्‍यूरोक्रेसी जैसे मुद्दे को लोकपाल के मसौदे से अलग किया जाना सही नहीं है.

अन्‍ना ने आरोप लगाया कि सरकार जान-बूझकर लोकपाल की राह में अड़ंगे डाल रही है, ताकि वह कमजोर हो जाए.

अन्‍ना ने कहा कि सरकार की नीति और नीयत में खोट है. उन्‍होंने कहा कि 11 दिसंबर को सांकेतिक तौर पर 1 दिन का अनशन रखा जाएगा. इसके बाद अगर 22 दिसंबर तक संसद में लोकपाल बिल नहीं आया, वे चुनाव वाले पांच राज्‍यों में प्रचार अभियान चलाएंगे. वे लोगों को बताएंगे कि केंद्र सरकार लोकपाल बिल लाना नहीं चाहती है.

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एफडीआई को लेकर संसद में गतिरोध पर अन्‍ना हजारे ने कहा जब देश के लोग इसके खिलाफ हैं, तो सरकार ऐसी नीतियां कैसे बना सकती है? उन्‍होंने कहा कि विदेशी निवेश के बाद यहां पानी, बिजली की बर्बादी होगी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. उन्‍होंने आरोप लगाया कि देश को फिर से गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है.

अन्‍ना ने कहा कि अगर सरकार को देश के किसानों के हित की इतनी ही चिंता होती, तो आजादी के इतने साल बाद किसानों को आत्‍महत्‍या करने की नौबत नहीं आती.

जब अन्‍ना हजारे से पूछा गया कि स्‍वामी अग्निवेश और कुछ अन्‍य लोग आंदोलन के पक्ष में नहीं हैं, तो उन्‍होंने कहा कि ऐसे लोगों के विचार उनके अपने विचार हैं. उन्‍होंने कहा कि आज देश की आम जनता आंदोलन से जुड़ चुकी है. उन्‍होंने कहा कि समाज और देश के भले के लिए अगर मौत भी आ गई, तो उनका सौभाग्‍य ही होगा.

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