लोकपाल विधेयक पर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में सहमति नहीं बन पाने के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव से पहले जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करती, तो बड़ा आंदोलन होगा.
सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद अन्ना हजारे ने कहा, 'आज (शुक्रवार को) जन लोकपाल विधेयक पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई. यदि सरकार वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव से पहले जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं करती है, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे.'
हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों का जिक्र करते हुए अन्ना ने कहा कि यदि विधेयक पारित नहीं होता है, तो कांग्रेस को वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी खराब परिणाम का सामना करना पड़ेगा.
इससे पहले राजनेताओं ने लोकपाल को लगभग लाल झंडी ही दिखा दी. पीएम के साथ हुई ऑल पार्टी मीटिंग में वही मुद्दे और वही बातें दुहरायीं गयीं, जिनके चलते राज्यसभा में बिल पास नहीं हो सका था.
बिल पर विचार के लिए राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी बनाने की भी बात सामने आयी है, पर कुछ ठोस नतीजा मीटिंग में नहीं निकला. दूसरी तरफ अन्ना ने कहा है कि सरकार चाहे जो करे, वो जनता के पास इस मुद्दे को लेकर फिर जाएंगे.
प्रधानमंत्री के साथ हुई इस ऑल पार्टी मीटिंग में सभी दलों के नेता मौजूद थे. विषय यह था कि राज्यसभा में बिल कैसे पास हो और कब पास हो. इस बैठक में भी विवाद के तीन प्रमुख बिन्दु बने रहे:
लोकायुक्त की नियुक्ति राज्य का अधिकार हो, ताकि संघीय ढांचे पर प्रहार न हो सके. लोकपाल की नियुक्ति और निकालने की प्रक्रिया निष्पक्ष हो. लोकपाल की जांच शक्तियां. इसके अलावा कोई 150 संशोधन फिर पेश किए गए.
कोई सहमति बनती न देख सरकार ने सेलेक्ट कमेटी के प्रस्ताव में रुचि दिखायी, जो कि राज्यसभा के सदस्यों को मिलाकर बने.
राज्यसभा में बिल की कॉपी फाड़ने वाले और लोकपाल का विरोध करने वाले नेता भी अपने रुख पर कायम दिखे. सरकार के रुख से परिचित और इस बैठक से निराश अन्ना हजारे ने भी अपना रास्ता साफ कर दिया है. अन्ना ने एक बार फिर चुनावों में बुरा सबक सिखाने की धमकी दी है. वैसे 25 तरीख को दिल्ली मे व्हीसिल ब्लोअर के पक्ष में अन्ना का धरना भी उनके दावों की परीक्षा करेगा.