scorecardresearch
 

अन्‍ना हज़ारे और सरकार के बीच सहमति

सूत्रों के हवाले से खबर है कि जनता ने जीत ली है जंग. अन्ना हजारे के सामने सरकार ने घुटने टेक दिए हैं. अन्ना की लगभग सारी बाते मान ली गयी हैं. बस कुछ चीजों पर आपसी सहमति के लिहाज से बातें साफ होनी हैं.

Advertisement
X

जन लोकपाल विधेयक के लिये प्रस्तावित संयुक्त समिति के मुद्दे पर सरकार ने औपचारिक आदेश जारी करने की मांग मान ली है जिसके बाद गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने शनिवार को अपना अनशन समाप्त करने की घोषणा की.

Advertisement

हजारे के अनशन के चौथे दिन दोनों पक्षों की ओर से सहमति की बाबत घोषणा की गयी. हजारे ने कहा, ‘सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं और मैं अपना अनशन शनिवार सुबह साढ़े दस बजे समाप्त करूंगा. यह पूरे राष्ट्र की जीत है.’

आंदोलनकारियों से बातचीत करने वाले सरकार के दल का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हजारे की घोषणा का स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. हालांकि अन्ना के सहयोगी स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी ने स्पष्ट किया कि अनशन तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक कि सरकार आदेश जारी नहीं करती. {mospagebreak}

इससे पहले अन्ना के प्रतिनिधियों ने सरकार के मंत्रियों के साथ दो दिन में तीसरे दौर की बातचीत की. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी समिति के अध्यक्ष होंगे, जिसमें कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, संचार मंत्री सिब्बल, गृह मंत्री पी. चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद सदस्य के नाते होंगे.

Advertisement

सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से संयुक्त समिति में अन्ना के अलावा वकील शांति भूषण, प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल सदस्य होंगे. समिति के सह.अध्यक्ष शांति भूषण होंगे. इससे पहले सरकार संयुक्त समिति बनाने की मांग मानने के लिए तैयार हो गयी थी जिस पर अन्ना भी राजी थे लेकिन इसमें शामिल पांच सदस्यों के साथ ही नागरिकों की तरफ से भी एक सह.अध्यक्ष बनाने की शर्त उनकी तरफ से रखी गयी. अन्ना ने यह भी कहा कि इसके लिए कानून मंत्रालय के पत्र पर नहीं बल्कि सरकारी आदेश चाहिए. {mospagebreak}

उस वक्त अन्ना ने कहा था कि सरकारी आदेश की बात नहीं माने जाने तक अनशन जारी रहेगा. हालांकि हजारे की घोषणा से पहले उनके प्रतिनिधि स्वामी अग्निवेश ने पहले ही अनशन समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए कहा था, ‘दूतों के तौर पर हमारा मिशन खत्म हो चुका है और अन्ना जल्द ही अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे, जो सभी को खुश करेगा.’

सरकार में शीर्ष स्तर पर बैठकों सहित दिन भर हुए अहम घटनाक्रमों के बाद शाम के समय हज़ारे के प्रतिनिधि के रूप में स्वामी अग्निवेश, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से अगले दौर की वार्ता की थी.

Advertisement

इससे पहले, दिन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर चर्चा की जिसमें वित्त मंत्री मंत्री प्रणव मुखर्जी, सिब्बल, कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव टी के ए नायर मौजूद थे. फिर हज़ारे ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष को अलग-अलग पत्र लिखा. {mospagebreak}

उन्होंने सिंह से समिति के गठन के लिये अधिसूचना जारी करने और सोनिया से लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा कराने का अनुरोध किया. उनके ये पत्र लिखने के बाद दोपहर के समय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें इस मसले को सुलझाने के लिये उठाये जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी. इस बीच, जंतर मंतर स्थित हज़ारे के अनशन स्थल पर योगगुरु बाबा रामदेव, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रमुख ई. श्रीधरन, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, फिल्म निर्देशक फरहा खान, संगीतकार विशाल शेखर और तिब्बत की निर्वासित संसद का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा. सभी ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भी हज़ारे के समर्थन में इस्तीफे की पेशकश की है. हज़ारे के साथ अनशन कर रहे 200 से अधिक लोगों में से 15 को उनकी सेहत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जाता है कि हज़ारे के स्वास्थ्य में भी तेजी से गिरावट आयी है और उनका वजन कम हो गया है.

Advertisement
Advertisement