अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लोकपाल बिल के मसले पर अपने लिखित वादे से पलटने का आरोप लगाया है. अन्ना ने कहा कि इस तरह सरकार के लचर रुख से गरीबों को न्याय नहीं मिल सकता है.
अन्ना ने कहा है कि ऐसा लगता है कि सरकार में तालमेल का अभाव है और वह राहुल गांधी के दबाव में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव है.
अन्ना ने आगे की रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि 27 दिसंबर से शुरू होकर 8 दिनों तक उनका अनशन चलेगा. इसके बाद वे चुनाव वाले 5 राज्यों का दौरा करेंगे और सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे.
अन्ना ने चेतावनी के लहजे में कहा कि अगर आंदोलन के सिलसिले में उन्हें कुछ हो गया, तो यह सत्ताधारी पार्टी के माथे पर बड़ा कलंक होगा.
अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें जो पत्र लिखा था, उसमें इस बात का साफ-साफ जिक्र था कि वे निचले स्तर के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने पर सहमत हैं. प्रधानमंत्री सिटिजन चार्टर के मसले पर भी सहमत थे. अन्ना ने आरोप लगाया कि अब प्रधानमंत्री अपनी बात से पलट रहे हैं.
अन्ना हजारे ने कहा कि चूंकि गरीब लोगों का सामना निचले स्तर के कर्मचारियों से होता है, इसलिए ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए.