अब तो पर्व त्योहारों पर भी अन्ना ही अन्ना दिखने लगे हैं. आज जन्माष्टमी है और जगह-जगह फोड़ी जा रही है मटकी. लेकिन ये मटकी दही हांडी नहीं भ्रष्टाचार की है, जिसे किशन भगवान नहीं, किशन अन्ना फोड़ रहे हैं.
आंदोलन से जुड़े अपने अनुभव, खबरें, फोटो हमें aajtak.feedback@gmail.com पर भेजें. हम उसे आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे. |
इलाहाबाद में गोपियां थिरक रही हैं. लेकिन, इसबार इनके कान्हा का रंग बदला-बदला है. कान्हा तो अन्ना बन गए हैं और भ्रष्टाचार की मटकी फोड़ने की तैयारी में भी हैं. जब भ्रष्टाचार की मटकी फोड़ने खुद कृष्ण आएं हों तो कोई रोक भी कैसे सकता है.
कृष्ण जन्माष्टमी पर अन्ना की छाप साफ साफ दिख रही है. इस बार देश के लोग भ्रष्टाचार को लेकर काफी सजग हो गए हैं और त्योहारों पर भी इसका असर दिखने लगा है.