भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल बिल को लेकर आंदोलन छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने विवादास्पद बयान देने के कारण कपिल सिब्बल पर निशाना साधा है.
जन लोकपाल बिल पर बनी संयुक्त ड्राफ्टिंग समिति के बारे में बयान देकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल बुरे फंस गए हैं. समिति के सदस्य और बिल के लिए आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर सिब्बल को लगता है कि समय बरबाद होगा और कोई फायदा नहीं होगा, तो उन्हें समिति से हट जाना चाहिए और उनकी जगह किसी दूसरे मंत्री को शामिल किया जाना चाहिए.
ड्राफ्टिंग समिति के दूसरे सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार जन लोकपाल बिल को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार बिल के बारे में नोटिफिकेशन पर फैसला लेने में दो दिन लगा सकती है, तो समझा जा सकता है कि बिल के रास्ते में अभी और कितनी बाधाएं आएंगी.
{mospagebreak}उधर, विवाद बढ़ते देख कपिल सिब्बल ने सुर बदल लिए हैं. कपिल ने सफाई दी है कि उन्होंने समिति के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा और सिर्फ यही कहा कि केवल लोकपाल बिल से काम नहीं चलेगा, क्योंकि ये बिल सिर्फ एक समस्या पर केंद्रित है. सिब्बल ने कहा कि वो अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल बिल को एक अच्छी शक्ल देंगे. उन्होंने कहा कि बिल की प्रक्रिया और प्रावधानों पर ड्राफ्टिंग समिति में विचार होगा. इस्तीफा मांगे जाने के मुद्दे पर उन्होंने बोलने से इनकार कर दिया.
लोकपाल कमेटी के सरकारी और नागरिक प्रतिनिधियों के बीच दिखाई पड़ रही है. दरअसल, कपिल सिब्बल ने रविवार को शिक्षा और सेहत से जुड़ी समस्याओं के लिए लोकपाल का हवाला देते हुए कहा था कि इन दिक्कतों के लिए लोकपाल कानून क्या करेगा.
बहरहाल, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कमेटी तो बन गई, लेकिन इस लड़ाई की ओर पहला कदम बढ़ाने के साथ ही एक अंदरूनी लड़ाई शुरू होती दिख रही है.