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प्रभावी लोकपाल के लिए बीजेपी का अन्‍ना को आश्वासन

गांधीवादी अन्ना हजारे और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. इसमें समाज के सदस्यों को प्रभावी और सशक्त लोकपाल के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल के समर्थन का आश्वासन मिला.

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गांधीवादी अन्ना हजारे और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. इसमें समाज के सदस्यों को प्रभावी और सशक्त लोकपाल के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल के समर्थन का आश्वासन मिला.

हजारे, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के साथ करीब डेढ़ घंटे चली इस अहम बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, जसवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू, अनंत कुमार, एस एस अहलूवालिया और रविशंकर प्रसाद जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. विदेश यात्रा पर जाने के कारण बैठक में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी शामिल नहीं हुए.

बैठक के बाद भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हमने हज़ारे पक्ष को आश्वासन दिया है कि भाजपा प्रभावी और मजबूत लोकपाल के गठन की उनकी मांग का समर्थन करेगी. हज़ारे पक्ष से मिलने के बाद लोकपाल के मुद्दे पर पार्टी का औपचारिक रुख तय करने के लिये भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अलग से बैठक की. इस मुद्दे पर कल राजग की भी बैठक होने वाली है.’ उन्होंने कहा कि हज़ारे पक्ष के साथ चर्चा काफी अच्छी और सार्थक रही. इसमें लोकपाल विधेयक के दोनों मसौदों पर चर्चा हुई. कुछ मुद्दों पर हज़ारे पक्ष ने स्थिति स्पष्ट की.

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हज़ारे ने बातचीत में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ हुई बातचीत पर ‘पूर्ण संतुष्टि’ जताई. उन्होंने कहा कि बातचीत सार्थक रही और भाजपा नेताओं ने हमारा पक्ष ध्यानपूर्वक सुना. हमने दोनों मसौदों पर चर्चा की. अब यह देखना होगा कि संसद में किस तरह का विधेयक पेश होता है और राजनीतिक दलों क्या रुख रहता है.’

हज़ारे ने कहा, ‘पिछले दो-तीन दिनों से हम विभिन्न राजनीतिक दलों से इसलिये मुलाकात कर रहे हैं ताकि एक सही लोकपाल विधेयक संसद में पेश और पारित हो सके. हम लोकपाल मसौदा समिति में शामिल केंद्र के प्रतिनिधियों द्वारा तैयार मसौदे की खामियों से दलों को अवगत करा रहे हैं.’ हज़ारे के साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के अनुसार, भाजपा के आला नेताओं के साथ बैठक में प्रस्तावित लोकपाल से जुड़े कानूनी पहलुओं पर चर्चा हुई.

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने यह जानना चाहा कि क्या एक ही विधेयक के जरिये केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन सुनिश्चित कराना संवैधानिक और विधायी रूप से संभव है. केजरीवाल ने हालांकि इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका और संसद के अंदर सांसदों के आचरण के बारे में भाजपा नेताओं के साथ चर्चा हुई है.

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