भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अन्ना हजारे आज खुद सवालों के घेरे में हैं. ये सवाल उस मुलाकात पर उठ रहे हैं, जो 23 जून को हुई थी. मुलाकात केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ हुई थी.
बताया जा रहा है कि पुणे-नासिक हाईवे से 90 किलोमीटर दूर फिरौदिया नाम के गेस्ट हाउस में ये मुलाकात हुई थी. लेकिन, अन्ना उस मुलाकात पर कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं.
पुणे में बाबा रामदेव के साथ उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इस मुलाकात का सवाल उठा, तो बार-बार कुरेदने के बाद भी वो कुछ नहीं बोले.
अन्ना ने जब बार-बार पूछा गया तो उन्होंने टालते हुए कहा कि समय आने पर बतायेंगे. इतना ही नहीं जब उन्हें पारदर्शिता का हवाला दिया गया, तो उन्होंने ये कह दिया कि पारदर्शिता के चक्कर में जेल जाना पड़ेगा.
दांये हाथ माने जाने वाले अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे जो अन्ना की सभी गतिविधियों की जानकारी देते रहते हैं उन्होंने भी इस बाबत कुछ नहीं बताया है.
खबरों के मुताबिक अन्ना और उनके ड्राइवर ही इस मुलाकात में आए थे इसलिए इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्ना इस मीटिंग में अकेले ही आए और उनके सहयोगियों को इसकी जानकारी नहीं थी.