एक ही दिन अन्ना को मिली दो दो चिट्ठियां. पहली चिट्ठी पीएम की, दूसरी चिट्ठी कई बार अन्ना को खरी खोटी सुना चुके कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की. अन्ना ने दिग्विजय की चिट्ठी का जवाब देना तो मुनासिब नहीं समझा लेकिन पीएम से कहा कि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन होगा.
चेहरा पहचानें, जीतें ईनाम. भाग लेने के लिए क्लिक करें |
'जनलोकपाल बिल बराबर लोकायुक्त, हर राज्य में हम लोकायुक्त करने वाले हैं. अभी लोकायुक्त के अन्दर आने पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं, स्वायत्त रहेगी. प्रधानमंत्री ने ये मान्य किया है. ग्रामसभा को ज्यादा अधिकार ये पत्र में लिखा है. अगर शीतकालीन सत्र में कानून नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन.'
जनलोकपाल नहीं तो कांग्रेस को वोट नहीं: अन्ना
अन्ना का ये जवाब है पीएम की चिट्ठी मिलने के बाद जिसमें पीएम ने लोकपाल बिल, चुनाव में सुधार से लेकर ग्रामसभा को ज्यादा अधिकार देने तक का भरोसा दिया है.
एक ही दिन पीएम की चिट्ठी के अलावा अन्ना हजारे को कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की भी चिट्ठी मिली. दिग्विजय ने लिख, 'मुझे ये लिखते हुए काफी दुख हो रहा है कि मैं जब रालेगण गया था तो आपसे काफी प्रभावित हुआ था. मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने आपको जिम्मेदारी भी सौंपी. अब आप उन लोगों के बीच घिरे हैं, जो कांग्रेस विरोधी हैं. शांति भूषण, और केजरीवाल कांग्रेस विरोधी हैं और वो सब कुछ अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं. आप इन लोगों को कहने पर वो कदम उठा रहे हैं, जो आपको शोभा नहीं देता.'
भ्रष्टाचार के खिलाफ आप भी लें शपथ
अन्ना ने दिग्विजय सिंह की चिट्ठी का जवाब देना फिलहाल मुनासिब नहीं समझा. लेकिन सवाल उठता है कांग्रेस के तेवर क्यों ढीले पड़ गए. अन्ना को अचानक दो-दो चिट्ठियां भेजने की जरूरत क्यों पड़ी गई? कहीं ऐसा तो नहीं कि हिसार उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ टीम अन्ना के एलान-ए-जंग से कांग्रेस सहम गई है? कहीं कांग्रेस को यूपी चुनाव में बेड़ा गर्क का डर तो नहीं सताने लगा है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि दो चिट्ठियों के बाद केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी अन्ना को मस्का लगाया. सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार जो लोकपाल बनाएगी वो चुनाव आयोग से भी ज्यादा ताकतवर होगा. इस मामले में शीत सत्र में संविधान संशोधन बिल पेश किया जाएगा. उम्मीद ये भी जताई है कि शीत सत्र में ही बिल पास हो जाएगा.