गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने लोकपाल विधेयक के बारे में समाज के सदस्यों का पक्ष राजनीतिक दलों के समक्ष मजबूती से रखने की कोशिश के तहत वह दिल्ली में आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे.
हज़ारे ने कहा कि वह विभिन्न दलों के अध्यक्षों से मुलाकात करना शुरू करेंगे.
जब कांग्रेस उनके आंदोलन के विरोध में है तो वह सोनिया से मुलाकात क्यों करेंगे, इस पर गांधीवादी ने कहा, ‘यह हमारी चर्चा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है.’ एक सवाल के जवाब में हज़ारे ने इन खबरों से इनकार किया कि सोनिया द्वारा हाल ही में उन्हें भेजे गये एक पत्र का लहजा सख्त और अपमानजनक था. हज़ारे ने कहा कि सोनिया गांधी ने ‘कुछ भी गलत नहीं’ लिखा है.
यह पूछने पर कि क्या उनके पत्र यह दर्शाते हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष में भरोसा रखते हैं, हज़ारे ने इसका सीधा जवाब टालते हुए कहा, ‘अगर ऐसा होता तो मेरी उनसे नियमित तौर पर मुलाकात होती.’
यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके कार्यालय के लोकपाल के दायरे में आने के प्रति कोई डर है, गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा, ‘मनमोहन सिंह डरे हुए नहीं हैं. लेकिन एक रिमोट कंट्रोल है.’ हज़ारे ने कहा कि वह एक मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल का समर्थन नहीं करने वाले विपक्षी दलों के खिलाफ भी मोर्चा खोलने से नहीं हिचकेंगे.
गांधीवादी ने कहा, ‘अगर वे लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने सहित मजबूत लोकपाल विधेयक की हमारी मुख्य मांगों का समर्थन करने को तैयार नहीं होते हैं तो हम सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ही विपक्षी दलों के खिलाफ भी अपनी लड़ाई लड़ेंगे.’
हज़ारे ने कहा कि सरकार अब भी प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने और सीबीआई तथा सीवीसी जैसे निकायों को लोकपाल में शामिल करने की समाज के सदस्यों की प्रमुख मांगों को मानने को तैयार नहीं है.
उन्होंने जोर दिया कि 16 अगस्त से अनशन पर जाने का उनका फैसला तब तक नहीं बदलेगा जब तक कि इन अहम मुद्दों पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल जाती.
उन्होंने कहा कि उनकी संसद में पूरी आस्था है और उन्हें उम्मीद है कि भ्रष्टाचार से निपटने के मकसद से एक मजबूत लोकपाल बनाने के लिये विधेयक पारित हो जायेगा.
गांधीवादी ने कहा कि वह आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों के अलावा मुस्लिमों और ईसाई समूहों सहित कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे.
इस सवाल पर कि क्या वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी बातचीत करेंगे, हज़ारे ने कहा, ‘हां, आरएसएस से भी. वे हमारे दुश्मन नहीं हैं.’
अन्ना ने बाबा रामदेव के सामने रखी 3 शर्तें
राकांपा प्रमुख शरद पवार की ‘बाबाओं और अन्नाओं’ से दूरी बनाकर रखने संबंधी कथित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गांधीवादी ने कहा, ‘हम भी हमारा काम इसलिये कर पा रहे हैं क्योंकि पवार हमसे दूर हैं.’