योगगुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ रामलीला मैदान में की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय से इस संबंध में हस्तक्षेप का अनुरोध करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 16 अगस्त से शुरू हो रहे उनके अनशन को सरकार ‘रोक नहीं सके.’
हजारे ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार ने कहा है कि हम अन्ना हजारे के अनशन को रोक देगे जैसा कि रामदेव के मामले में किया गया. क्या यह लोकतंत्र है या तानशाही है? आप इसे रोक नहीं सकते हैं. इसी वजह से हम उच्चतम न्यायालय जायेंगे.’
उन्होंने कहा कि संविधान ने प्रत्येक नागरिक को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार दिया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि जैसा कि उन्होंने घोषणा की है वह 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
सरकार और हजारे के नेतृत्व वाले समाज के सदस्यों के बीच लोकपाल विधेयक के सहमतिपूर्ण मसौदे को तैयार करने का प्रयास पिछले महीने खत्म हो गया था. इसके बाद हजारे ने घोषणा की थी कि वह अगस्त में अनशन करेंगे.
हजारे मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाये जिसका सरकार विरोध कर रही है. हजारे के आंदोलन इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रवक्ता मनीष सिसोदिया ने बताया कि उच्चतम न्यायालय से दखल देने का अनुरोध करने का फैसला किया तो गया है, लेकिन इस संबंध में जनहित याचिका या अपील दायर करने जैसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हजारे अभी दिल्ली आए ही हैं और साथी कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद ही वह इस संबंध में अंतिम निर्णय करेंगे.
इस बीच दिल्ली लौटे हजारे ने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर, लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण, मेधा पाटकर और साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल से संक्षिप्त बैठक की.
बताया जा रहा है कि वह अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ एक और दौर की बातचीत करेंगे और उसके बाद संवाददाता सम्मेलन में अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे.