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अन्ना हजारे के रुख से हैरान और दुखी हूं: अरविंद केजरीवाल

पार्टी बनाने को लेकर अन्ना हजारे के रुख से अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. ये बात इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने खुद कही है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

पार्टी बनाने को लेकर अन्ना हजारे के रुख से अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. ये बात इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने खुद कही है.

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उन्होंने कहा, 'अन्ना के बयान से मुझे गहरा झटका लगा और बेहद हैरानी हुई है.'

अरविंद ने कहा, 'अन्ना मेरे पिता समान हैं और वह मेरे दिल में हैं. वे मेरे गुरु हैं और हम राजनीतिक पार्टी संरचना उनके आदर्शों पर ही करेंगे.'
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भविष्य की रणनीति पर केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश से इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता आ गए हैं जिनके साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

इस बीच, अरविंद केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी ने अरविंद केजरीवाल के पार्टी बनाने के फैसले पर हैरानी जताई हैं.

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किरण बेदी ने कहा, 'आप अरविंद केजरीवाल से ही पूछिए कि उन्होंने किस कारण से पार्टी बनाने का फैसला किया जबकि उन्होंने साफ कहा था कि अगर अन्ना राजी नहीं हुए तो पार्टी नहीं बनाई जाएगी. मैं तो अब भी अन्ना के साथ आंदोलन से जुड़ी हुई हूं.'

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गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की बुधवार को हुई बैठक विफल हो गई थी और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा कर दी थी.

हजारे द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट पर कराए गए सर्वेक्षणों को खारिज किए जाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि अन्ना ने ही राजनैतिक दल बनाने या न बनाने पर सर्वेक्षण करवाने के लिए कहा था.

अरविंद ने कहा, ‘अन्ना ने हमें सर्वेक्षण कराने के लिए कहा था. इसके लिए एसएमएस और इंटरनेट का इस्तेमाल उनका ही सुझाव था.’ व्यवस्था में जल्दी परिवर्तन की जरूरत बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि देश बिकने के कगार पर है और यहां की हर चीज बेची जा रही है. हमारे सामने चुनौतियों के साथ-साथ अवसर भी हैं. हमारे विचार में कांग्रेस और भाजपा दोनों एक जैसी हैं.

इसी बीच केजरीवाल के समर्थकों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर टिप्पणियां कीं. एक ट्वीट में लिखा गया, ‘अन्ना ने लोगों को भ्रष्टाचार के बारे में जागरूक तो किया लेकिन अब यह नहीं बताते कि इस जागरूकता का करना क्या है? राजनैतिक होना ही एकमात्र तर्कसंगत कदम है.’ एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘जनता से कटे रहने वाले कुछ लोगों की बजाय अब जनता खुद इस कहानी को लिखे.’

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एक अन्य ट्वीट में इस गठजोड़ के टूटने का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया गया है. यह ट्वीट कहता है, ‘इस आंदोलन को खत्म करने और स्वच्छ राजनैतिक व्यवस्था बनाने के प्रयास को नष्ट करने के लिए भाजपा ने सस्ती किस्म की राजनीति की है.’

इंटरनेट के सर्वेक्षणों को मानने से हजारे के इनकार पर ट्वीट में कहा गया, ‘सिर्फ पांच हजार लोगों ने ही फेसबुक पर वोट किया था लेकिन मिस्ड कॉल देने वाले लोगों की संख्या पांच लाख से भी ज्यादा थी. आप कैसे कह सकते हैं कि यह एक फेसबुक सर्वेक्षण मात्र था?’ एक ट्वीट में कहा गया, ‘हां अन्ना हजारे का अभियान में शामिल न रहना पीछे हटना ही है लेकिन इससे यह बात नहीं बदलती कि लोग एक विश्वसनीय राजनैतिक विकल्प चाहते हैं.’

कुछ ट्वीटों में हजारे को कोई अन्य विकल्प लाने की सलाह भी दी गई. इस ट्वीट में कहा गया, ‘जब तक अन्ना गैर राजनैतिक आंदोलन के लिए कोई कारगर रणनीति लेकर नहीं आते तब तक मैं राजनैतिक विकल्प के साथ हूं.’

एक ट्वीट में प्रसिद्ध कथन के जरिए अपनी बात कही गई, ‘शुरुआत करने के लिए आपको महान होने की जरूरत नहीं लेकिन महान होने के लिए आपको शुरुआत करनी होगी. -:अन्ना जी के लिए कथन:’

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